सनातन धर्म विवाद: उदयनिधि स्टालिन के खिलाफ एक और याचिका पर सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट
क्या है खबर?
तमिलनाडु के मंत्री और द्रविड़ मुन्नेत्र कड़कम (DMK) नेता उदयनिधि स्टालिन की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। सुप्रीम कोर्ट सनातन धर्म को लेकर दिए स्टालिन के बयान के खिलाफ एक और याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया है।
इस याचिका को वकील विनीत जिंदल ने दायर किया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को इसी मामले पर पहले से लंबित पड़ी दूसरी याचिकाओं के साथ जोड़ दिया है। अब सभी पर एक साथ सुनवाई होगी।
मांग
याचिका में क्या मांग की गई है?
याचिका में वकील ने कहा कि उदयनिधि का भाषण हेट स्पीच है और इससे धार्मिक भावनाएं आहत हो रही हैं। वकील ने मांग की है कि उदयनिधि पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने के लिए आपराधिक कार्यवाही शुरू करने का निर्देश दिया जाए।
इस पर जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की पीठ सुनवाई कर रही थी। पीठ ने कहा कि वो याचिका पर अलग से नोटिस जारी नहीं करेगी, बल्कि दूसरी याचिका के साथ इसकी सुनवाई करेगी।
नोटिस
सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया था नोटिस
सुप्रीम कोर्ट ने सनातन धर्म पर विवादित बयान देने को लेकर उदयनिधि और DMK नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री ए राजा को नोटिस जारी किया था।
कोर्ट ने कहा था 2 सितंबर के सम्मेलन को धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन करने के कारण असंवैधानिक घोषित किया जाना चाहिए। बता दें कि ये वही सम्मेलन था, जिसमें उदयनिधि ने विवादित बयान दिया था।
ये याचिका चेन्नई के एक वकील बी जगन्नाथ ने दायर की थी।
बयान
सनातन धर्म पर क्या बोले थे उदयनिधि?
उदयनिधि ने 2 सितंबर को 'सनातन उन्मूलन सम्मेलन' में कहा था, "कुछ चीज़ों का विरोध नहीं कर सकते। हम डेंगू, मच्छर, मलेरिया या कोरोना का विरोध नहीं कर सकते हैं। इन्हें खत्म करना होगा। इसी तरह सनातन धर्म को भी खत्म करना है।"
इसके बाद DMK नेता ए राजा ने सनातन धर्म की तुलना HIV से की थी। भाजपा के कई नेताओं ने विपक्ष को हिंदू विरोधी बताते हुए इस पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई थी।
हाई कोर्ट
मद्रास हाई कोर्ट ने भी जताई थी आपत्ति
उदयनिधि के बयान पर मद्रास हाई कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की थी।
कोर्ट ने कहा था, "अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मतलब नफरती भाषण देना नहीं है। धर्म से संबंधित मामलों में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का प्रयोग किया जाता है, तो यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि कोई भी आहत न हो। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो स्वतंत्र भाषण का मतलब नफरती भाषण देना नहीं है। भाषण देने वाले को इन पहलुओं को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।"
प्लस
न्यूजबाइट्स प्लस
सनातन धर्म को लेकर DMK के कई नेता विवादित टिप्पणी करते रहे हैं।
DMK के ए राजा ने कहा था, "सनातन पर उदयनिधि ने जो बोला वह काफी कम था। उन्होंने सिर्फ मलेरिया और डेंगू से इसकी तुलना की थी। ये ऐसी बीमारियां हैं, जिन्हें घिनौना नहीं कहा जाता। सनातन धर्म की सामाजिक कलंक वाली बीमारी उससे भी बड़ी है। अगर आपको इसको परिभाषित करना है तो सनातन की तुलना HIV और कुष्ठ रोग जैसे बीमारियों से की जानी चाहिए।"