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क्या है खबर?
आवारा कुत्तों से जुड़ी याचिकाओं पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने राज्यों पर नाराजगी जताते हुए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को व्यक्तिगत रूप से पेश होने से छूट देने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि जब 3 नवंबर को इस मामले की अगली सुनवाई होगी, तब सभी मुख्य सचिवों को सशरीर पेश होना ही होगा। इसी के साथ कोर्ट ने राज्यों को फटकार भी लगाई।
टिप्पणी
कोर्ट बोला- ये काम नगर निगमों का, हम समय बर्बाद कर रहे
जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने कहा, "यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि शीर्ष अदालत उन समस्याओं से निपटने की कोशिश में समय बर्बाद कर रही है, जिन्हें नगर निगम और राज्य सरकारों द्वारा वर्षों से हल किया जाना चाहिए था। संसद नियम बनाती है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जाती है।" पीठ ने कहा कि कई राज्य पहले के निर्देशों के बावजूद अनुपालन हलफनामे दाखिल करने में विफल रहे हैं।
सचिव
कोर्ट ने कहा- सभी मुख्य सचिव सो रहे
सुनवाई के दौरान जस्टिस नाथ ने कहा, "जब हम मुख्य सचिवों से हलफनामा दाखिल करने के लिए कहते हैं, तो वे इस पर चुप्पी साधे रहते हैं। हमारे आदेश का कोई सम्मान नहीं है। ठीक है, उन्हें आने दीजिए। हम उनसे निपट लेंगे। उन्हें स्वयं आकर बताना होगा कि अनुपालन हलफनामा क्यों दाखिल नहीं किया गया।" बता दें कि अब तक केवल दिल्ली, पश्चिम बंगाल और तेलंगाना ने ही हलफनामे दाखिल किए हैं।
छवि
कोर्ट ने कहा- देश की छवि खराब हो रही
कोर्ट ने मीडिया कवरेज का हवाला देते हुए कहा कि लगातार हो रही घटनाओं के कारण देश की छवि विदेशी देशों की नजरों में खराब हुई है। इससे पहले 22 अगस्त को हुई सुनवाई में कोर्ट ने आवारा कुत्तों से जुड़े मामले का दायरा दिल्ली-NCR से बढ़ाकर पूरे देश तक कर दिया था।कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने का भी आदेश दिया था।
मामला
आवारा कुत्तों के मामले पर कब क्या हुआ?
जुलाई में सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों के काटने के मामले पर स्वत: संज्ञान लिया। 11 अगस्त को कोर्ट ने दिल्ली-NCR के सभी आवारा कुत्तों को 8 हफ्ते के भीतर शेल्टर होम में भेजने का आदेश दिया। आदेश का विरोध होने क बाद मुख्य न्यायाधीश ने मामले को 3 जजों की विशेष पीठ के पास भेज दिया। 22 अगस्त को कोर्ट ने आदेश दिया कि हिंसक कुत्तों को छोड़कर बाकी कुत्ते नसबंदी और टीकाकरण के बाद छोड़ जाएंगे।