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सुप्रीम कोर्ट ने डिजिटल अरेस्ट की घटनाओं पर स्वत: संज्ञान लिया, केंद्र से मांगा जवाब 
डिजिटल अरेस्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को नोटिस जारी किया है

सुप्रीम कोर्ट ने डिजिटल अरेस्ट की घटनाओं पर स्वत: संज्ञान लिया, केंद्र से मांगा जवाब 

लेखन आबिद खान
Oct 17, 2025
03:59 pm

क्या है खबर?

देशभर में डिजिटल अरेस्ट की बढ़ती घटनाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताई है। कोर्ट ने मामले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए केंद्र सरकार, केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI), हरियाणा सरकार और अंबाला के साइबर क्राइम विभाग को नोटिस जारी किए हैं। कोर्ट ने यह कदम हरियाणा के अंबाला जिले की एक वरिष्ठ नागरिक दंपति की शिकायत के बाद उठाया है। इस दंपत्ति से डिजिटल अरेस्ट के जरिए 1.05 करोड़ रुपये की ठगी हुई थी।

टिप्पणी

कोर्ट ने कहा- डिजिटल अरेस्ट रोकने के लिए साझा प्रयास जरूरी

जस्टिस सूर्याकांत और जस्टिस जोयमलया बाघची की पीठ ने डिजिटल अरेस्ट को न्याय प्रणाली में जनता के भरोसे पर सीधा प्रहार करार देते हुए कहा कि फर्जी न्यायिक आदेशों का इस्तेमाल न्यायपालिका की गरिमा पर हमला है। कोर्ट ने कहा, "कई बार खबरें आई हैं कि देश के अलग-अलग हिस्सों में ऐसे अपराध हुए हैं। हमारा मानना है कि जबरन वसूली से जुड़े आपराधिक उपक्रम का पर्दाफाश करने के लिए केंद्र और राज्य के बीच संयुक्त प्रयासों की जरूरत है।"

कोर्ट

कोर्ट के नाम और मुहर का दुरुपयोग चिंता का विषय- पीठ

पीठ ने कहा, "कोर्ट और हाईकोर्ट के नाम, मुहर और न्यायिक अधिकार का जालसाजी और आपराधिक दुरुपयोग एक गंभीर चिंता का विषय है। जजों के फर्जी हस्ताक्षर वाले न्यायिक आदेश न्यायपालिका में जनता के विश्वास की नींव पर सीधा प्रहार करते हैं।" कोर्ट ने इन घोटालों से निपटने के लिए एक समन्वित और देशव्यापी प्रयास का आह्वान किया। कोर्ट ने भारत के अटॉर्नी जनरल से भी इस मामले में सहायता मांगी।

मामला

क्या है मामला?

दरअसल, हरियाणा के अंबाला की रहने वाली शशिबाला सचदेव को ठगों ने डिजिटल अरेस्ट कर 1.05 करोड़ की ठगी कर ली थी। ठगों ने फर्जी CBI अधिकारी बनकर उन्हें सुप्रीम कोर्ट के नकली आदेश दिखाए और मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत संपत्ति फ्रीज करने की धमकी दी। ठगों ने शशिबाला को यह भी धमकी दी कि उनके खातों में अवैध धन जमा है। इसके बाद शशिबाला ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखा था।

प्लस

न्यूजबाइट्स प्लस

डिजिटल अरेस्ट एक ऑनलाइन धोखाधड़ी है, जिसमें ठग खुद को सरकारी एजेंसी या पुलिस अधिकारी बताकर लोगों को धमकाते हैं और अपने खाते में राशि ट्रांसफर करने के लिए मजबूर कर देते हैं। यानी ठग पीड़ित को 'आभासी गिरफ्तारी' में रखकर पैसे ऐंठते हैं। इसके लिए ठग बकायदा पुलिस की फर्जी वर्दी पहनकर वीडियो कॉल करते हैं और नकली दस्तावेजों या आदेश का इस्तेमाल करते हैं। डिजिटल अरेस्ट के मामले कुछ समय से तेजी से बढ़े हैं।