तीस्ता सीतलवाड़ को सुप्रीम कोर्ट से राहत, एक सप्ताह की अंतरिम जमानत मिली
सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ को कल देर रात सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए एक सप्ताह की अंतरिम जमानत दी है और गुजरात हाई कोर्ट के उस आदेश पर भी रोक लगा दी है, जिसमें उन्हें 'तुरंत आत्मसमर्पण' करने को कहा था। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता में जस्टिस ए एस बोपन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने की।
देर रात कोर्ट में क्या-क्या हुआ?
कोर्ट ने गुजरात सरकार का पक्ष रख रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से पूछा कि किसी व्यक्ति को जमानत को चुनौती देने के लिए 7 दिन का समय क्यों नहीं दिया जाना चाहिए, जबकि वह इतने लंबे समय से बाहर है। इस पर मेहता ने कहा, ''इस मामले को जिस तरीके से पेश किया गया है, ये उससे ज्यादा संगीन है। गवाहों ने विशेष जांच दल (SIT) को बताया कि सीतलवाड़ ने उन्हें बयान दिया था।"
तीस्ता के वकील ने क्या कहा?
तीस्ता की ओर से पेश हुए वकील सीयू सिंह ने कहा कि सितंबर में उनके मुवक्किल को मिली अंतरिम जमानत में साफ किया गया था कि जब तक नियमित जमानत न मिले , तब तक अंतरिम जमानत जारी रहेगी। उन्होंने कहा, "मेरे मुवक्किल ने कोई उल्लंघन या गलती नहीं की है। आरोप पत्र दायर किया जा चुका है। तीस्ता हर पेशी में पेश हुई हैं। उनकी तरफ से जमानत की शर्तों का भी कोई उल्लंघन नहीं किया गया है।"
कोर्ट ने पूछा- तीस्ता आत्मसमर्पण नहीं करेंगी तो आसमान गिर पड़ेगा?
सुनवाई के दौरान जस्टिस गवई ने कहा, "अगर किसी व्यक्ति को सितंबर से जमानत मिली हुई है, तो उसे सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर करने के लिए 7 दिन का समय भी क्यों नहीं दिया गया? हाईकोर्ट की तरफ से जो आदेश दिया गया है, वो समझने में मैं विफल हूं।" पीठ ने कहा, ''अगर अंतरिम संरक्षण दिया गया तो क्या आसमान गिर जाएगा... हाई कोर्ट ने जो किया उससे हमें आश्चर्य हुआ। इतनी चिंताजनक जल्दी क्या है?''
गुजरात हाई कोर्ट ने दिया था तुरंत आत्मसमर्पण का आदेश
कल ही गुजरात हाई कोर्ट के जस्टिस निर्जर देसाई की कोर्ट में हुई सुनवाई में तीस्ता की जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी। कोर्ट ने कहा था चूंकि वह पहले से ही जेल से बाहर हैं, इसलिए तत्काल आत्मसमर्पण करें। तीस्ता पर साल 2002 के गुजरात दंगों से जुड़े मामलों में निर्दोष लोगों को फंसाने के लिए फर्जी सबूत गढ़ने का आरोप है। इस मामले में पिछले साल जून में तीस्ता को गिरफ्तार किया गया था।
कौन हैं तीस्ता सीतलवाड़?
तीस्ता सीतलवाड़ एक समाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार हैं। वह सिटिजन फॉर जस्टिस एंड पीस (CJP) संगठन की भी सचिव हैं। यह संगठन 2002 में गुजरात में सांप्रदायिक दंगे के पीड़ितों के लिए न्याय लड़ने के लिए स्थापित किया गया था। CJP एक सह-याचिकाकर्ता है जो दंगों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और 62 अन्य सरकारी अधिकारियों की सहभागिता के लिए आपराधिक मुकदमे की मांग कर चुकी है। तीस्ता के पिता वकील थे और उनके दादा देश के पहले अटॉर्नी जनरल थे।