
सुप्रीम कोर्ट का केंद्र को निर्देश, KYC को दिव्यांगों के लिए आसान बनाया जाए
क्या है खबर?
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केंद्र सरकार को निर्देश देते हुए नो योर कस्टमर (KYC) की प्रक्रिया को दिव्यांगों और एसिड अटैक पीड़ितों के लिए आसान बनाने को कहा है।
न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और आर महादेवन की पीठ ने इस मामले में दायर 2 याचिकाओं पर फैसला सुनाते हुए यह बात कही।
पीठ ने कहा कि डिजिटल पहुंच एक मौलिक अधिकार है और E-KYC को सभी लोगों की आसान पहुंच तक लाना चाहिए।
सुनवाई
दिव्यांगों के किये KYC प्रक्रिया में बदलाव की जरूरत- कोर्ट
कोर्ट ने कहा कि वास्तविक समानता का सिद्धांत कहता है कि डिजिटल बदलाव न्यायसंगत और समावेशी होना चाहिए।
कोर्ट ने कहा कि डिजिटल तक पहुंच का अधिकार संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीवन और स्वतंत्रता के अधिकार का एक सहज घटक है।
पीठ ने कहा की उन्होंने माना है कि दिव्यांगों के लिए KYC की प्रक्रिया में बदलाव की जरूरत है और उन्होंने उसके लिए 20 निर्देश दिए हैं।
कारण
KYC में बदलाव की क्यों है जरूरत?
कोर्ट ने कहा कि एसिड अटैक पीड़ित और अंधेपन से जूझ रहे लोगों को विकृत चेहरे की वजह से KYC पूरा करने में दिक्कत हो रही है।
कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ताओं को संवैधानिक प्रावधान KYC प्रक्रिया में शामिल होने का वैधानिक अधिकार देता है।
पीठ ने कहा कि डिजिटल KYC के दिशा निर्देश को एक्सेसिबिलिटी कोड के साथ संशोधित करना आवश्यक है।
याचिका 100 प्रतिशत दृष्टिबाधित वकील अमर जैन और ऐसिड अटैक पीड़िता प्रज्ञा प्रसून ने दायर की थी।