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ईरान से तेल खरीदने पर बौखलाया अमेरिका, भारत की 6 कंपनियों पर लगाया प्रतिबंध
ईरान से तेल खरीदने को लेकर अमेरिका ने 6 भारतीय कंपनियों को प्रतिबंधित किया है

ईरान से तेल खरीदने पर बौखलाया अमेरिका, भारत की 6 कंपनियों पर लगाया प्रतिबंध

लेखन गजेंद्र
Jul 31, 2025
09:48 am

क्या है खबर?

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने के कुछ घंटे बाद ईरान से तेल व्यापार को लेकर भारत की 6 कंपनियों को प्रतिबंधित कर दिया है। अमेरिकी विदेश विभाग ने एक बयान में बताया कि ये प्रतिबंध, ईरान के तेल व्यापार में शामिल 20 संस्थाओं को लक्षित करने वाले एक बड़े वैश्विक कदम का हिस्सा है। विभाग ने कहा कि इन कंपनियों ने सामूहिक रूप से करोड़ों डॉलर मूल्य के ईरानी पेट्रोकेमिकल्स का आयात किया है।

प्रतिबंध

किन-किन कंपनियों पर लगाया प्रतिबंध?

अमेरिका ने अलकेमिकल सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, कंचन पॉलिमर्स, रमणिकलाल एस गोसालिया एंड कंपनी, जुपिटर डाई केम प्राइवेट लिमिटेड, ग्लोबल इंडस्ट्रियल केमिकल्स लिमिटेड और पर्सिस्टेंट पेट्रोकेम प्राइवेट लिमिटेड पर प्रतिबंध लगाया है। अलकेमिकल ने जनवरी-दिसंबर 2024 के बीच 701.4 करोड़ रुपये, कंचन पॉलिमर्स ने 10.86 करोड़ रुपये, रमणिकलाल कंपनी ने 183.7 करोड़ रुपये, जुपिटर कंपनी ने 409.15 करोड़ रुपये, ग्लोबल कंपनी ने 425 करोड़ रुपये और पर्सिस्टेंट पेट्रोकेम ने 116 करोड़ का व्यापार किया है।

आरोप

कंपनियों पर क्या है आरोप?

अलकेमिकल पर आरोप है कि उसने जनवरी से दिसंबर 2024 तक ईरानी पेट्रोकेमिकल सामान आयात किया था। कंचन पॉलिमर्स पर पॉलीइथाइलीन का आयात और रमणिकलाल कंपनी पर ईरान से मेथनॉल और टोल्यूनि की आपूर्ति करने का आरोप है। जुपिटर कंपनी ने टोल्यूनि सहित अन्य ईरानी उत्पाद आयात किए। ग्लोबल कंपनी ने जुलाई 2024 से जनवरी 2025 के बीच ईरानी मेथनॉल और अन्य पदार्थों का अधिग्रहण किया। पर्सिस्टेंट पेट्रोकम पर अक्टूबर और दिसंबर 2024 के बीच मेथनॉल आयात का आरोप है।

प्रतिबंध

संबंधों के कारण 2 अन्य कंपनियों पर भी प्रतिबंध, 5 नागरिकों पर कार्रवाई

अमेरिकी विदेश विभाग के विदेशी संपत्ति नियंत्रण कार्यालय (OFAC) ने ईरान के सर्वोच्च नेता के शीर्ष राजनीतिक सलाहकार अली शमखानी के बेटे मोहम्मद हुसैन शमखानी द्वारा नियंत्रित शिपिंग नेटवर्क से जुड़े होने के कारण 2 और भारतीय कंपनियां एनसा शिप मैनेजमेंट और श्रीजी जेम्स को प्रतिबंधित किया है। साथ ही पांच भारतीय नागरिक मोहम्मद रफीक हबीबुल्लाह, जैकब कुरियन, अनिल कुमार पनाक्कल नारायणन नायर, पंकज नागजीभाई पटेल और इलियास जाफर तांबे को भी प्रतिबंधित किया है।

असर

प्रतिबंध के मायने क्या हैं?

अमेरिका की इस कार्रवाई के बाद इन कंपनियों की अमेरिका और उसके नियंत्रण में मौजूद सभी संपत्ति जब्त होंगी और व्यापार करने पर प्रतिबंध लगेगा। प्रतिबंध उन फर्मों पर भी लागू होगा, जिनमें प्रतिबंधित कंपनियों की 50 प्रतिशत या उससे अधिक हिस्सेदारी है। अमेरिका की यह कार्रवाई ईरान पर अत्यधिक दबाव बनाने के अभियान का हिस्सा है। अमेरिका कहता रहा है कि तेल से होने वाली आय मध्य पूर्व को अस्थिर करने वाले समूहों को मदद करती है।

संबंध

भारत और ईरान के बीच व्यापार संबंध कैसा है?

भारत और ईरान के बीच तेल समेत कई मामलों में लंबे समय से व्यापारिक संबंध हैं। जब 2019 में अमेरिकी प्रतिबंध का दौर शुरू हुआ, तो भारत ने ईरान से अपने आयात में काफी कमी की, लेकिन संबंध बने रहे। 2011 तक ईरान भारत को प्रतिदिन 4.25 लाख बैरल से अधिक कच्चा तेल आपूर्ति करता था, जो बाद में काफी घट गया। भारत ईरान को बासमती चावल, चाय, चीनी, फार्मास्यूटिकल्स, और पेट्रोकेमिकल उत्पाद निर्यात करता है।