उदयपुर: दर्जी की हत्या के विरोध में प्रदर्शन के दौरान हुआ पथराव, नियंत्रण में स्थिति
एक हिंदू दर्जी की हत्या के कारण तनाव के बीच आज राजस्थान के उदयपुर में एक मार्च के दौरान पथराव देखने को मिला। दर्जी की हत्या के विरोध में हिंदू संगठनों ने घटनास्थल के पास ही ये मार्च निकाली थी, लेकिन जल्द ही माहौल बेहद खराब हो गया और हल्के पथराव की घटना देखने को मिली। पुलिस ने अभी स्थिति को काबू में कर लिया है और भीड़ तितर-बितर कर दी गई है।
मार्च में शामिल रहे लगभग 1,000 लोग, घटनास्थल पर पहुंचकर भड़की भावनाएं
NDTV की रिपोर्ट के अनुसार, विभिन्न हिंदू संगठनों की इस मार्च में लगभग 1,000 लोग शामिल हुए। प्रदर्शनकारियों के हाथ में भगवा झंडे थे और उन्होंने दर्जी को न्याय के पक्ष में नारेबाजी की। भारी मात्रा में पुुलिसबल की मौजूदगी में निकाली जा रही ये मार्च जैसे ही उस जगह के पास पहुंची जहां दर्जी की नृशंस हत्या की गई थी, प्रदर्शनकारियों की भावनाएं भड़क उठीं। इसी दौरान हल्का पथराव होने की बात कही जा रही है।
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धारा 144 लागू होने के बावजूद मार्च की इजाजत देने पर उठ रहे सवाल
कोई अप्रिय घटना होती, उससे पहले ही पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर कर दिया। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने NDTV से कहा कि स्थिति अब नियंत्रण में है। शहर में धारा 144 लागू होने के बावजूद मार्च की इजाजत देने के लिए पुलिस और प्रशासन पर सवाल भी उठ रहे हैं। ये सवाल और गंभीर इसलिए हो जाते हैं क्योंकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पीड़ित के परिजनों से मुलाकात करने आज उदयपुर आ रहे हैं।
गहलोत लगातार कर रहे शांति बनाए रखने की अपील
बता दें कि दर्जी की हत्या के बाद उदयपुर समेत पूरे राजस्थान में तनाव बना हुआ है और मुख्यमंत्री गहलोत लगातार सभी से शांति बनाए रखने की अपील कर रहे हैं। आज भी अपील जारी करते हुए उन्होंने कहा, "मैं प्रदेशवासियों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि अपराधी चाहें कितना भी बड़ा हो, किसी भी धर्म या संप्रदाय का हो, उसे किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।" उन्होंने धर्मगुरूओं से भी शांति की अपील जारी करने का आग्रह किया।
क्या है उदयपुर हत्याकांड?
उदयुपर में मंगलवार को मोहम्मद रियाज अंसारी और गौस मोहम्मद नामक दो हमलावरों ने कन्हैयालाल तेली नामक दर्जी की गर्दन काटकर हत्या कर दी गई थी। हमलावर कपड़े सिलवाने के बहाने उसकी दुकान पर आए थे और यहीं वारदात को अंजाम दिया। उन्होंने दिल दहला देने वाली इस घटना का वीडियो भी बनाया। दोनों हमलावर पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ टिप्पणी करने वाली पूर्व भाजपा नेता नुपुर शर्मा का समर्थन करने के कारण दर्जी से नाराज थे।
आरोपियों का पाकिस्तान और IS कनेक्शन आया सामने
दोनों आरोपियों के पाकिस्तान और आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (IS) से संबंध भी सामने आए हैं। पुलिस के सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया कि दोनों आरोपी पाकिस्तानी संगठन दावत-ए-इस्लामी के जरिए अल-सूफा नामक संगठन से जुड़े हुए थे जो IS का स्लीपर सेल है। आरोपी 30 मार्च को जयपुर में सिलसिलेवार बम धमाके करने की साजिश में भी शामिल थे। इसी कनेक्शन को देखते हुए मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंपी गई है।