उदयपुर: सोशल मीडिया पोस्ट, खुलेआम धमकियां और पुलिस केस; फिर हुई कन्हैयालाल की हत्या

राजस्थान के उदयुपर में एक टेलर की गर्दन काटकर हत्या करने के बाद माहौल तनावपूर्ण है। राज्य सरकार ने ऐहतियात के तौर पर इंटरनेट बंद कर दिया है और धारा 144 लागू कर दी गई है। वहीं उदयपुर में कर्फ्यू लगाया जा चुका है। पुलिस ने इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है और जांच के लिए विशेष जांच टीम का गठन किया गया है। आइये, इस घटनाक्रम को शुरू से समझने की कोशिश करते हैं।
पिछले महीने नुपुर शर्मा ने एक टीवी कार्यक्रम के दौरान पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ विवादित टिप्पणी की थी। इसके बाद भाजपा ने उन्हें प्रवक्ता पद और पार्टी से निलंबित कर दिया और उनके खिलाफ कई जगह FIR दर्ज हुईं। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि कन्हैयालाल ने नुपुर शर्मा का यह बयान कई सोशल मीडिया ग्रुप्स में शेयर किया था। इसे लेकर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने पुलिस में कन्हैयालाल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।
राजस्थान के ADG (कानून-व्यवस्था) हवासिंह घुमरिया ने बताया कि मुस्लिम समुदाय की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने 10 जून को कन्हैयालाल को गिरफ्तार कर लिया था। इससे अगले दिन उन्हें अदालत से जमानत मिल गई। कन्हैया का कहना था कि उन्हें मोबाइल चलाना नहीं आता और उनके बच्चे ने गलती से यह पोस्ट डाल दी थी। जमानत पर बाहर आने के बाद कन्हैयालाल को धमकियां मिलने का सिलसिला जारी रहा और उन्होंने पुलिस को भी इसकी जानकारी दी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कन्हैया 15 जून को लिखित शिकायत लेकर पुलिस के पास गए थे कि उन्हें धमकियां मिल रही हैं, लेकिन पुलिस ने कार्रवाई करने के बजाय 17 जून को दोनों पक्षों के बीच समझौता करवा दिया। कन्हैया की हत्या करने के एक आरोपी मोहम्मद रियाज अत्तारी ने करीब 10 दिन पहले ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी सिर धड़ से अलग करने की धमकी दी थी। इसके बाद भी पुलिस ने कार्रवाई नहीं की।
लगातार मिल रही धमकियों के बीच कन्हैया ने छह दिनों तक अपनी दुकान बंद रखी थी। मंगलवार को जब वो अपनी दुकान में काम कर रहे थे, तभी आरोपी कपड़े सिलवाने के बहाने वहां पहुंचे। इस दौरान एक आरोपी कन्हैया को अपनी नाप लेने में लगा लेता है और दूसरा वीडियो बनाता रहता है। इसके बाद कन्हैया जैसे ही नाप लिखने के लिए घूमते हैं तो आरोपी उन पर तलवार से ताबड़तोड़ वार शुरू कर देता है।
भास्कर से बात करते हुए कन्हैया की दुकान पर काम करने वाले कारीगर ईश्वर ने बताया कि दोपहर तीन बजे दो युवक (मोहम्मद रियाज अत्तारी और गौस मोहम्मद) कपड़े सिलवाने के लिए दुकान में आए। रियाज नाप देने लगा और गौस खड़ा रहा। ईश्वर ने आगे बताया, "मैं और मेरा साथी राजकुमार कपड़े सिल रहे थे। तभी चिल्लाने की आवाज आई। मुड़कर देखा तो वो लोग सेठजी (कन्हैया) पर हमला कर रहे थे। मैं बाहर भागा।"
इस हमले में ईश्वर को भी सिर और हाथ पर चोट आई है। उन्होंने बताया कि हमले के बाद कन्हैया दुकान के बाहर लहुलुहान अवस्था में पड़े थे और उनके शरीर से बहुत खून बह रहा था। मारने वालों ने कुछ दिन पहले ही सोशल मीडिया पर कन्हैया का गला काटने की धमकी दी थी। वे दुकान पर आकर गला काट भी गए। सोशल मीडिया पर इसका कबूलनामा डाला और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी मारने की धमकी दी।
हमला करने के बाद भागने की कोशिश कर रहे दोनों हमलावरों को पुलिस ने राजसमंद से गिरफ्तार कर लिया है। एक हमलावर रियाज मोहम्मद भीलवाड़ा के आसींद का रहने वाला है और मस्जिदों में खिदमत से जुड़े काम करता है। वहीं गौस मोहम्मद राजसमंद के भीम क्षेत्र का निवासी है और वह वेल्डिंग और जमीनों के लेनदेन से जुड़ा काम करता है। राज्य सरकार ने गिरफ्तारी के बाद दोनों हमलावरों को कड़ी सजा दिलाने की बात कही है।
मीडिया में आ रही रिपोर्ट्स के मुताबिक, केंद्र सरकार इस कृत्य को आतंकी हमला मानकर जांच करेगी। अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की एक टीम को उदयपुर भेजा जा चुका है। शक जताया जा रहा है कि इस हमले के पीछे आतंकी संगठनों का हाथ हो सकता है। दरअसल, नुपुर शर्मा के बयान के बाद अलकायदा समेत कई आतंकी संगठनों ने हमलों की धमकी दी थी। ऐसे में इस हमले के पीछे बड़ी साजिश हो सकती है।