SIR पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा- अतिरिक्त कर्मी तैनात किए जाए, BLO पर बोझ कम करें
क्या है खबर?
देश के 12 राज्यों में चल रही विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने बूथ लेवल ऑफिसर्स (BLO) की मौतों और काम के बढ़ते दबाव को लेकर कड़ा रुख अपनाया। कोर्ट ने राज्यों को निर्देश दिया कि SIR के लिए अतिरिक्त कर्मचारी तैनात किए जाएं, ताकि BLO और अन्य कर्मचारियों के काम के घंटे कम किए जा सकें। कोर्ट ने कहा कि ये राज्यों की जिम्मेदारी है।
टिप्पणी
कोर्ट ने कहा- राज्य वैकल्पिक कर्मचारी तैनात करें
मुख्य न्यायाधीश (CJI) जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमेल्य बागची की पीठ ने कहा, "राज्य सरकारें और कर्मचारी लगाएं, ताकि काम के घंटे उसी हिसाब से कम किए जा सकें। अगर किसी कर्मचारी के पास काम से छूट मांगने की खास वजह है तो संबंधित अधिकारी मांग पर प्रकृति के अनुसार विचार कर सकते हैं। जहां 10,000 हैं वहां 20 या 30,000 कर्मी लगाए जा सकते हैं। अगर कोई बीमार या असमर्थ है तो राज्य वैकल्पिक कर्मचारी तैनात कर सकता है।"
निर्देश
कोर्ट ने क्या-क्या निर्देश दिए?
राज्य अतिरिक्त कर्मचारी तैनात करे, ताकि काम के घंटे कम किए जा सकें। जिन कर्मचारियों को किसी विशेष कारण से छूट चाहिए, उनकी मांग की प्रकृति के आधार पर विचार हो और उनकी जगह दूसरे व्यक्ति को लगाया जाए। अगर कोई राहत इन निर्देशों में शामिल नहीं है तो प्रभावित व्यक्ति कोर्ट का रुख कर सकता है। राज्य ये न समझें कि उन्हें निश्चित संख्या में ही कर्मचारी देना है। वे जरूरत के मुताबिक संख्या बढ़ा सकते हैं।
याचिकाकर्ता
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने क्या तर्क दिए?
ये याचिका राजनीतिक पार्टी TVK ने दायर की है। उनके वकील ने दावा किया कि SIR के दौरान 35-40 BLO की मौतें हुई हैं और कई को नोटिस दिए गए हैं कि लक्ष्य पूरा न करने पर मामला दर्ज किया जाएगा। वरिष्ठ वकील गोपाल शंकरनारायणन ने कहा, "अनाथ बच्चे और शोकग्रस्त परिवार हैं। BLO पर मामला दर्ज करने की धमकी दी जा रही है। ये शिक्षक और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता हैं, क्या इनके साथ ऐसा व्यवहार किया जा सकता है?"
चुनाव आयोग
आरोपों पर चुनाव आयोग ने क्या कहा?
चुनाव आयोग ने तर्क दिया कि हर बूथ पर अधिकतम 1,200 मतदाता हैं और BLO को 30 दिन में 1,200 फॉर्म जमा करना पड़ रहे हैं, जो अतिरिक्त बोझ नहीं है। इस पर CJI ने पूछा, "क्या 10 फॉर्म रोज भरना भी बोझ है?" इसके बाद वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा, "वास्तविकता में BLO को 40 फॉर्म प्रतिदिन भरने पड़ रहे हैं। कई इलाकों में बहुमंजिला इमारतों में जाकर जानकारी जुटानी पड़ती है, जो मेहनत वाला काम है।"