
पुणे पोर्शे हादसा: मां के ब्लड सैंपल से बदले गए थे आरोपी के ब्लड सैंपल- रिपोर्ट्स
क्या है खबर?
पुणे के बहुचर्चित पोर्शे कार हादसे में रोज नए खुलासे हो रहे हैं। अब मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि आरोपी नाबालिग की मां शिवानी अग्रवाल ने बेटे के ब्लड सैंपल को खुद के ब्लड सैंपल से बदल दिया था, ताकि खून में नशे की मात्रा न आ सके।
पुलिस अब आरोपी की मां की तलाश कर रही है। कथित तौर पर आरोपी की मां पुणे से फरार बताई जा रही है।
विधायक
आरोपी के पिता ने विधायक को 45 बार किया फोन
इस मामले में अस्पताल के डॉक्टर और पुलिसकर्मियो की संदिग्ध भूमिका के बाद अब विधायक भी संदेह के घेरे में है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, हादसे वाली रात नाबालिग आरोपी के पिता विशाल अग्रवाल ने स्थानीय विधायक सुनील टिंगरे को 45 बार फोन किया था। हालांकि, विधायक ने फोन नहीं उठाया था।
बता दें कि इस मामले में पहले भी विधायक टिंगरे की भूमिका पर सवाल उठ चुके हैं।
फोन
सवा घंटे के दौरान विधायक को लगे 45 फोन
न्यूज 18 की रिपोर्ट के मुताबिक, एक पुलिस सूत्र ने बताया कि अग्रवाल ने विधायक टिंगरे को 19 मई की रात 2:30 से 3:45 बजे के बीच 45 बार फोन किया था। हालांकि, टिंगरे सो रहे थे, इस वजह से कॉल का जवाब नहीं दे सके और ये सभी मिस्ड हो गई।
जब टिंगरे ने फोन नहीं उठाया तो अग्रवाल उन्हें लेने रात में ही उनके घर पहुंच गए थे।
थाने
सुबह 6 बजे तक थाने में थे विधायक
घटना वाली रात विधायक सुबह 6 बजे तक येरवडा पुलिस स्टेशन में मौजूद थे। कथित तौर पर उन्होंने पुलिसकर्मियों से मामले में नरम रुख अपनाने को कहा था। हालांकि, विधायक ने इन आरोपों ने इनकार किया है।
विवाद बढ़ने पर अब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP अजित पवार) ने विधायक को मीडिया के सामने अपना रुख स्पष्ट करने के लिए कहा गया है। बार-बार नाम सामने आने के बाद पार्टी ने कथित तौर पर विधायक से स्पष्टीकरण मांगा है।
सिफारिश
विधायक की सिफारिश पर नियुक्त हुआ था आरोपी डॉक्टर
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अस्पताल के फोरेंसिक मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉक्टर अजय तावड़े को विधायक की सिफारिश के बाद ही नियुक्त किया गया था।
ससून अस्पताल के डीन विनायक काले ने कहा कि डॉक्टर तावड़े को किडनी ट्रांसप्लांट और ललित पाटिल ड्रग्स मामले में आरोपी होने के बावजूद विधायक की सिफारिश पर अधीक्षक नियुक्त किया गया।
इस संबंध में टिंगरे ने चिकित्सा शिक्षा मंत्री हसन मुश्रीफ को पत्र भी लिखा था।
AI
AI के जरिए सीन रिक्रिएट करेगी पुलिस
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि पुलिस साक्ष्य मूल्यांकन के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित तकनीक का उपयोग कर दुर्घटना स्थल का डिजिटल सीन रिक्रिएट करेगी।
अधिकारी ने कहा कि अब तक इस तकनीक का इस्तेमाल हत्या के मामलों में शव की पहचान करने के लिए किया जाता है, लेकिन सीन रिक्रिएट करने में पहली बार किया जाएगा।
पुलिस नाबालिग के घर से लेकर बार और घटनास्थल तक का सीन रिक्रिएट करेगी।
मामला
क्या है मामला?
19 मई को पुणे में रात ढाई बजे पोर्श कार चला रहे एक नाबालिग ने बाइक पर जा रहे एक महिला और पुरुष को टक्कर मार दी थी। बाइक सवार दोनों लोग मध्य प्रदेश के थे और पुणे में नौकरी करते थे।
हादसे के 15 घंटे के भीतर किशोर न्याय बोर्ड ने नाबालिग को निबंध लिखने जैसी मामूली शर्त पर जमानत दे दी थी। विवाद बढ़ने पर सरकार ने नए सिरे से मामले की जांच कराई थी।