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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शाम देश को संबोधित करेंगे, GST बदलावों पर दे सकते हैं जानकारी
प्रधानमंत्री आज राष्ट्र को संबोधित करेंगे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शाम देश को संबोधित करेंगे, GST बदलावों पर दे सकते हैं जानकारी

लेखन आबिद खान
Sep 21, 2025
11:45 am

क्या है खबर?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शाम 5 बजे देश को संबोधित करेंगे। कल यानी 22 सितंबर से वस्तु एवं सेवा कर (GST) की नई दरें लागू होने वाली है। बताया जा रहा है कि इसी संबंध में वे कुछ जानकारी दे सकते हैं। उन्होंने एक दिन पहले ही गुजरात में आत्मनिर्भर भारत पर जोर दिया था। इसे देखते हुए अटकलें हैं कि वे अमेरिकी टैरिफ और H-1B वीजा को लेकर हालिया बदलावों पर भी पक्ष रख सकते हैं।

GST

कल से लागू हो रही हैं GST की नई दरें

कल से GST की नई दरें लागू हो रही हैं। त्योहारों से पहले सरकार ने आम आदमी को बड़ी राहत देते हुए GST में 12 और 28 प्रतिशत की दर को खत्म कर दिया है। अब केवल 5 और 18 प्रतिशत की दर ही होगी। इससे आम आदमी को बड़ा फायदा होगा, क्योंकि रोजमर्रा की जिन चीजों पर पहले 28 प्रतिशत तक टैक्स लगता था, वे अब 18 या 5 प्रतिशत के दायरे में आ गई हैं।

टैरिफ

H-1B वीजा पर भी दे सकते हैं जानकारी

अमेरिका ने H-1B वीजा को लेकर फीस में भारी भरकम बढ़ोतरी की है। पहले इस वीजा के लिए करीब 6 लाख रुपये लगते थे, जिसे अब बढ़ाकर 88 लाख रुपये कर दिया गया है। इसका भारतीयों पर बड़ा असर पड़ेगा, क्योंकि हजारों की संख्या में भारतीय इस वीजा के जरिए अमेरिका में काम करने जाते हैं। हाल ही में प्रधानमंत्री ने कहा था कि दूसरे देशों पर निर्भरता हमारी सबसे बड़ी दुश्मन है।

बयान

एक दिन पहले प्रधानमंत्री ने कहा था- 100 दुखों की दवा है आत्मनिर्भर भारत 

20 सितंबर को गुजरात में एक रैली में प्रधानमंत्री ने कहा था, "दुनिया में हमारा कोई दुश्मन नहीं है। सच में अगर हमारा कोई दुश्मन है तो वो है दूसरे देशों पर हमारी निर्भरता। यह हमारा दुश्मन है। हमें मिलकर भारत के इस दुश्मन को हराना है। दूसरों पर निर्भर रहेंगे तो हमारे आत्मसम्मान को चोट पहुंचेगी। हम भावी पीढ़ी के भविष्य को दांव पर नहीं लगा सकते। 100 दुखों की एक दवा, वो है आत्मनिर्भर भारत।"

संबोधन

प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस संबोधन में भी किया था आत्मनिर्भरता का जिक्र

प्रधानमंत्री ने अपने स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में भी आत्मनिर्भरता पर जोर दिया था। उन्होंने कहा था, "आजादी के बाद करोड़ों लोगों के पेट भरना बड़ी चुनौती थी। ये मेरे देश के किसान है, जिन्होंने खून-पसीना एक कर भंडार भर दिए, आत्मनिर्भर बना दिया। दुर्भाग्य तो तब है जब निर्भरता की आदत लग जाए। पता ही न चले हम कब आत्मनिर्भरता छोड़ रहे हैं और कब निर्भर हो जाएं। इसीलिए आत्मनिर्भरता के लिए हर वक्त जागरूक होना पड़ता है।"