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प्रधानमंत्री जाएंगे जॉर्डन-इथियोपिया और ओमान; कितना अहम है दौरा और क्या है एजेंडा?
प्रधानमंत्री मोदी 15 दिसंबर से 3 देशों के दौरे पर जा रहे हैं

प्रधानमंत्री जाएंगे जॉर्डन-इथियोपिया और ओमान; कितना अहम है दौरा और क्या है एजेंडा?

लेखन आबिद खान
Dec 11, 2025
05:13 pm

क्या है खबर?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 दिसंबर से जॉर्डन, इथियोपिया और ओमान के दौरे पर जा रहे हैं। इस दौरान ओमान और भारत के बीच मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। इसके अलावा जॉर्डन और इथियोपिया के साथ भी कई अहम मुद्दों पर चर्चा होगी। यह दौरा भारत के विभिन्न क्षेत्रों में संबंध मजबूत करने और प्रमुख साझेदार देशों के साथ सहयोग बढ़ाने की कूटनीतिक कोशिश का हिस्सा है। आइए दौरे की अहमियत समझते हैं।

कार्यक्रम

सबसे पहले दौरा का पूरा कार्यक्रम समझिए

प्रधानमंत्री अपने दौरे की शुरुआत 15 दिसंबर को जॉर्डन से करेंगे। यहां वे 16 दिसंबर तक रुकेंगे। इसके बाद वह 16 और 17 दिसंबर को इथियोपिया जाएंगे और फिर 17 और 18 दिसंबर के बीच ओमान में अपनी यात्रा समाप्त करेंगे। जॉर्डन में प्रधानमंत्री किंग अब्दुल्ला द्वितीय से मुलाकात करेंगे और व्यापार, निवेश और क्षेत्रीय सुरक्षा पर चर्चा होगी। इथियोपिया में प्रधानमंत्री मोदी की मुलाकात इथियोपिया के प्रधानमंत्री अबीय अहमद से होगी।

जॉर्डन

कितना अहम है जॉर्डन का दौरा?

हालिया सालों में जॉर्डन और भारत के व्यापारिक रिश्ते मजबूत हुए हैं। भारतीय कंपनियों ने जॉर्डन के फॉस्फेट और वस्त्र क्षेत्रों में अरबों का निवेश किया है। भारत को वहां उर्वरक, IT और फार्मास्यूटिकल्स जैसे क्षेत्रों में नई संभावनाएं दिख रही हैं। इसके अलावा जॉर्डन फिलिस्तीन मामले का अहम केंद्र है, जो इस संवेदनशील मुद्दे पर भारत की संतुलन बनाए रखने की नीति के लिए अहम है। कश्मीर मुद्दे पर भी जॉर्डन भारत का समर्थन करता है।

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इथियोपिया

इथियोपिया क्यों जा रहे हैं प्रधानमंत्री?

भारत और इथियोपिया के बीच मजबूत विकास साझेदारी है। वहां रेलवे, चीनी कारखाने और विद्युत समेत कई परियोजनाएं भारत की रियायती क्रेडिट लाइन पर चल रही हैं। भारतीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग (ITEC) योजना के तहत भारत ने हजारों इथियोपियाई अधिकारियों और पेशेवरों को प्रशिक्षित किया है। दोनों देश BRICS के भी सदस्य हैं। दोनों देशों के प्रधानमंत्री इसी साल G-20 सम्मेलन के दौरान मिले थे। 2011 में आखिरी बार किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने इथियोपिया की यात्रा की थी।

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ओमान

कैसे हैं ओमान-भारत के रिश्ते?

ओमान खाड़ी में भारत का सबसे करीबी रक्षा साझेदार है और पहला खाड़ी देश है, जिसके साथ भारतीय सेना के तीनों अंग संयुक्त अभ्यास करते हैं। दोनों देशों ने हिंद महासागर में समुद्री सुरक्षा सुनिश्चित करने में सहयोग किया है। भारत ओमान से कच्चा तेल और LPG खरीदता है, जबकि पेट्रोलियम उत्पाद, मशीनरी और खाद्य सामग्री निर्यात करता है। ओमान में करीब 7 लाख भारतीय नागरिक रहते हैं। 2008 में दोनों देशों के संबंध रणनीतिक साझेदारी में बदल गए थे।

विशेषज्ञ

दौरे को लेकर क्या कह रहे हैं जानकार?

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर मुद्दस्सिर कमर ने ETV भारत से कहा, "क्षेत्रीय राजनीति के लिहाज से पश्चिम एशियाई देश बहुत महत्वपूर्ण हैं। जॉर्डन भूगोल और भूराजनीति के लिहाज से अहम जगह पर है। उसने पारंपरिक रूप से इजराइल-फिलिस्तीन मुद्दे पर स्थिरता बनाए रखने में अहम भूमिका निभाई है। ओमान कश्मीर मुद्दे पर भारत का समर्थन करता है। प्रधानमंत्री के दौरे के दौरान हम सुरक्षा सहयोग, खाद्य सुरक्षा और संस्कृति समन्वय में नई घोषणाओं की उम्मीद कर सकते हैं।"

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