
भारत-जापान में निवेश से लेकर AI तक में हुए समझौते, कितना सफल रहा प्रधानमंत्री का दौरा?
क्या है खबर?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 2 दिवसीय जापान दौरा खत्म हो गया है। आज उन्होंने जापानी प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा के साथ बुलेट ट्रेन में सफर किया और जापान में प्रशिक्षण ले रहे भारतीय रेल चालकों से भी मुलाकात की। प्रधानमंत्री की जापान यात्रा कई मायनों में सफल रही, क्योंकि इस दौरान दोनों देशों ने निवेश से लेकर सेमीकंडक्टर और AI में सहयोग बढ़ाने की प्रतिबद्धता जताई। आइए जानते हैं दौरे से भारत को क्या हासिल हुआ।
निवेश
भारत में 59 लाख करोड़ रुपये का निवेश करेगा जापान
दोनों देशों में निवेश को लेकर अहम सहमति बनी है। जापान अगले 10 सालों में भारत में 59 लाख करोड़ रुपये का निवेश करेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि इसके जरिए भारत और जापान के लघु एवं मध्यम उद्यमों और स्टार्टअप्स को जोड़ने पर विशेष जोर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस 10 वर्षीय भारत-जापान रोडमैप का मुख्य ध्यान निवेश, नवाचार, आर्थिक सुरक्षा, पर्यावरण, प्रौद्योगिकी, स्वच्छ ऊर्जा और स्वास्थ्य पर होगा।
चंद्रयान
भारत-जापान मिलकर लॉन्च करेंगे चंद्रयान-5
भारत और जापान के बीच चंद्रयान-5 को लेकर एक अहम समझौता हुआ है। इसके तहत दोनों देशों की अंतरिक्ष एजेंसियां, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) और जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (JAXA) मिलकर काम करेंगे। ये दोनों एजेंसियां चांद के दक्षिणी ध्रुव का अनुसंधान करेंगे। इस मिशन को JAXA अपने H3-24L प्रक्षेपण यान से प्रक्षेपित करेगा, जो ISRO द्वारा निर्मित चंद्र लैंडर और जापान द्वारा निर्मित चंद्र रोवर को ले जाएगा।
समझौते
AI और सेमीकंडक्टर को लेकर हुआ समझौता
दोनों देशों ने डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना, डिजिटल प्रतिभा के विकास, AI और सेमीकंडक्टर जैसे भविष्य के तकनीकी क्षेत्रों में संयुक्त अनुसंधान और विकास में द्विपक्षीय सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए भारत-जापान डिजिटल साझेदारी 2.0 नामक एक समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए। इसके अलावा विकेन्द्रीकृत घरेलू अपशिष्ट जल प्रबंधन पर एक समझौता और सुषमा स्वराज इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेन सर्विस और जापान के विदेश मंत्रालय के बीच एक समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए।
श्रमिक
5 साल में जापान जाएंगे 50 हजार भारतीय श्रमिक
दोनों देशों ने खनिज संसाधनों, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और पर्यावरण सहयोग के क्षेत्र में एक सहयोग ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए। 5 साल के भीतर 50,000 भारतीय कुशल श्रमिकों सहित 5 लाख लोगों को जापान भेजने के लिए मानव संसाधन विनिमय पर एक कार्य योजना भी अपनाई गई है। दोनों देशों ने अगले दशक के लिए एक संयुक्त दृष्टिकोण पर भी हस्ताक्षर किए, जिसमें आर्थिक सुरक्षा से लेकर पारिस्थितिक स्थिरता तक आठ प्राथमिकता वाले क्षेत्रों की पहचान की गई है।
रक्षा
रक्षा के क्षेत्र में हुए ये अहम समझौते
भारत और जापान ने रक्षा उद्योग और नवाचार में सहयोग मजबूत करने पर सहमति जताई है। इस समझौते के तहत थल, नौसेना और वायु सेना के संयुक्त अभ्यासों में वृद्धि की जाएगी। नौसेना सहयोग को बढ़ाने की दिशा में अधिक जहाजों की यात्राएं, समुद्री मार्गों को सुरक्षित रखने के लिए समन्वय और डकैती और अन्य अपराधों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई शामिल है। इ दोनों देशों ने नए और उभरते सुरक्षा जोखिमों पर जानकारी साझा करने की भी प्रतिबद्धता जताई है।