दिल्ली हवाई अड्डे पर ATC में गड़बड़ी: क्या संसदीय समिति की सिफारिश की हुई अनदेखी?
क्या है खबर?
दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर बीते दिन एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) में तकनीकी खराबी आने के बाद दिनभर विमानों का संचालन प्रभावित रहा। इस दौरान 800 से ज्यादा विमान देरी से उड़े, 20 उड़ानों को रद्द करना पड़ा और यात्री भी घंटों परेशान हुए। अब सामने आया है कि परिवहन संबंधी संसद की स्थायी समिति ने इसी साल अगस्त में ATC में व्यापक सुधारों की सिफारिश की थी।
रिपोर्ट
समिति ने कहा था- परेशानियां पैदा कर सकती हैं पुरानी तकनीक
न्यूज18 की रिपोर्ट के मुताबिक, अगस्त में संसदीय समिति ने ATC में व्यापक और समयबद्ध सुधार की सिफारिश की थी। रिपोर्ट में समिति ने चेतावनी दी थी कि पुरानी तकनीक परिचालन और सुरक्षा संबंधी चुनौतियां पैदा कर सकती हैं, खासकर दिल्ली और मुंबई जैसे बड़े हवाई अड्डों पर। समिति ने अपनी सिफारिशें एयर ट्रैफिक कंट्रोलर्स गिल्ड द्वारा मौजूदा स्वचालन प्रणालियों में महत्वपूर्ण तकनीकी मुद्दों की ओर ध्यान आकर्षित करने के बाद की थीं।
ATC
गिल्ड ने कहा था- ATC के प्रदर्शन में गिरावट देखी जा रही
रिपोर्ट के मुताबिक, गिल्ड ने इस बात पर प्रकाश डाला था कि कई ATC प्लेटफार्मों में प्रदर्शन में गिरावट देखी जा रही है, जिसमें सिस्टम की सुस्ती, डेटा प्रोसेसिंग में देरी और आधुनिक निर्णय-समर्थन सुविधाओं की कमी शामिल है। ये सभी सीधे-सीधे परिचालन दक्षता को प्रभावित करते हैं और सुरक्षा से समझौता करते हैं। इसके बाद समिति ने ATC संरचना के आधुनिकीकरण और वैश्विक स्तर की सुरक्षा और प्रदर्शन मानक सुनिश्चित करने के उद्देश्य से कई सिफारिशें की थीं।
सिफारिशें
समिति ने क्या सिफारिशें की थीं?
समिति ने सरकार से आग्रह किया था कि ATC प्रणालियों के व्यापक सुधार के लिए एक समयबद्ध योजना तैयार करे। इसमें AI-संचालित उपकरण और उन्नत स्वचालन प्रौद्योगिकियों को शामिल किया जाए। समिति ने कहा था कि नई प्रणालियों की खरीद और विकास को नवीनतम अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप किया जाना चाहिए। इसके अलावा ATC में पूर्वानुमानित विश्लेषण, AI-संचालित समाधान उपकरण, उन्नत गति मार्गदर्शन और वायु और जमीनी प्रणालियों के बीच वास्तविक समय में अंतर-संचालन क्षमता शामिल होनी चाहिए।
अन्य सिफारिशें
समिति ने ये सिफारिशें भी की थीं
समिति ने कहा था कि सभी मौजूदा स्वचालन प्लेटफार्मों का तुरंत तकनीकी ऑडिट किया जाना चाहिए, ताकि तत्काल सुधार वाले क्षेत्रों की पहचान की जा सके और किसी भी जोखिम को कम किया जा सके। समिति ने इस बात पर भी जोर दिया था कि नई प्रणालियों का विकास और कार्यान्वयन विशेषज्ञों के साथ परामर्श कर किया जाए, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ये तकनीकें हमारे अनुकूल, संचालन के लिए प्रभावी और जरूरतों के अनुसार हों।
गड़बड़ी
दिल्ली हवाई अड्डे पर क्या गड़बड़ी आई थी?
दिल्ली हवाई अड्डे के ATC में बीते दिन तकनीकी गड़बड़ी आ गई थी। बताया जा रहा है कि ऑटोमेटिक मैसेज स्विचिंग सिस्टम (AMSS) में खराबी के चलते ये परेशानी हुई थी। AMSS ऑटो ट्रैक सिस्टम (ATS) को विमानों की उड़ान और लैंडिंग से जुड़ा जरूरी डेटा भेजता है। इसी आधार पर विमानों की उड़ान या लैंडिंग की जानकारी, रूट, समय आदि का शेड्यूल तैयार किया जाता है। अधिकारियों ने साइबर हमले की संभावना से इनकार किया था।