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अजित पवार ने बेटे की विवादित जमीन का सौदा रद्द किया, बोले- पता नहीं था सरकारी है
बेटे की कंपनी से जुड़े सरकारी जमीन विवाद मामले में अजित पवार ने चुप्पी तोड़ी है

अजित पवार ने बेटे की विवादित जमीन का सौदा रद्द किया, बोले- पता नहीं था सरकारी है

लेखन आबिद खान
Nov 08, 2025
11:27 am

क्या है खबर?

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बेटे पार्थ पवार सरकारी जमीन को औने-पौने दामों में खरीदकर विवाद में फंस गए हैं। अब अजित ने कहा है कि जानकारी सामने आने के बाद उन्होंने जमीन का सौदा रद्द कर दिया है। बता दें कि पार्थ की कंपनी ने पुणे में एक सरकारी जमीन को बेहद कम दामों में खरीदा था। इसकी जानकारी बाहर आने के बाद महाराष्ट्र में सियासी बवाल हो गया था।

बयान

अजित बोले- जिम्मेदारों का पता लगाया जाएगा

बीती शाम अजित ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने कहा, "विवाद से जुड़ी जमीन सरकारी है, जिसे बेचा नहीं जा सकता। पार्थ और उनके साथी दिग्विजय पाटिल को इस बात की जानकारी नहीं थी। इस जमीन की बिक्री का पंजीयन कैसे हुआ और कौन जिम्मेदार है, इस बात की जांच की जाएगी। अतिरिक्त मुख्य सचिव (राजस्व) विकास खारगे के नेतृत्व में इस मामले की जांच हो रही है और वह एक महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे।"

दबाव

अजित ने कहा- सौदे के लिए कोई दबाव नहीं डाला गया

अजित ने कहा, "पार्थ की कंपनी को जमीन देने के लिए अधिकारियों पर कोई दबाव नहीं डाला गया था। FIR में मेरे बेटे पार्थ का नाम नहीं है, क्योंकि केवल इन तीन लोगों ने ही दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने के लिए रजिस्ट्रार के दफ्तर का दौरा किया था। सौदे से जुड़े दस्तावेजों का पंजीकरण रद्द कर दिया गया है और इस संबंध में अधिकारियों को हलफनामा सौंप दिया गया है।"

राजनीति

राहुल गांधी ने साधा था निशाना

मामले पर राहुल गांधी ने लिखा था, '1,800 करोड़ की सरकारी जमीन, जो दलितों के लिए आरक्षित थी, सिर्फ 300 करोड़ में मंत्री जी के बेटे की कंपनी को बेच दी गई। ऊपर से स्टांप ड्यूटी भी हटा दी गई। मतलब एक तो लूट उसपर कानूनी मुहर में भी छूट! उन्हें पता है चाहे जितना भी लूटें, वोट चोरी कर फिर सत्ता में लौट आएंगे। न लोकतंत्र की परवाह, न जनता की, न दलितों के अधिकार की।'

मामला

क्या है मामला?

दरअसल, पार्थ की कंपनी अमेडिया होल्डिंग्स LLP ने पुणे के पॉश कोरेगांव पार्क इलाके में लगभग 40 एकड़ सरकारी जमीन खरीदी थी। इस जमीन की बाजार कीमत करीब 1,800 करोड़ रुपये बताई जा रही है, लेकिन पार्थ ने यह जमीन केवल 300 करोड़ रुपये में खरीद ली। इस खरीद को लेकर केवल 500 रुपये का स्टांप ड्यूटी शुल्क भरा गया, जबकि असल में स्टांप ड्यूटी करोड़ों की बनती थी। खुलासा होने के बाद 3 लोगों पर FIR दर्ज हुई थी।