'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान पाकिस्तान ने उरी प्लांट पर किया था हमला, CISF ने किया नाकाम
क्या है खबर?
मई में 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान भारत ने कई पाकिस्तानी आतंकी ठिकानों को बर्बाद कर दिया था। इससे बौखलाए पाकिस्तान ने भारतीय क्षेत्र में कई मिसाइल और ड्रोन दागे थे। अब जानकारी सामने आई है कि पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा (LOC) के पास स्थित भारत की उरी जलविद्युत परियोजना को निशाना बनाने की कोशिश की थी। हालांकि, इस प्लांट की सुरक्षा में तैनात केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) ने हमले को नाकाम कर दिया।
CISF
CISF ने 250 लोगों को भी सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया
CISF ने न सिर्फ इस प्लांट की रक्षा की, बल्कि आसपास रह रहे करीब 250 आम नागरिकों को भी सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। CISF ने बताया कि इस भारी गोलाबारी के बीच कमांडेंट रवि यादव ने महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों और आसपास की बस्तियों की सुरक्षा के लिए त्वरित कदम उठाए। जब पाकिस्तानी गोले रहवाली इलाकों के आसपास गिरने लगे, तो कर्मियों ने एक-एक घर जाकर करीब 250 नागरिकों को सुरक्षित स्थान तक पहुंचाया।
सम्मान
CISF ने अभियान में शामिल 19 जवानों को सम्मानित किया
दिल्ली में CISF मुख्यालय में इस अभियान में शामिल 19 जवानों को सम्मानित किया गया। CISF ने बताया कि पाकिस्तान ने सैकड़ों ड्रोन से उरी प्लांट पर हमला किया था, लेकिन CISF ने एक-एक को मार गिराया। जवानों ने सबसे पहले हथियारों और भंडारों को सुरक्षित किया, ताकि नुकसान होने से रोका जा सके। इसके बाद CISF जवानों ने घर-घर जाकर आम लोगों को निकाला। इनमें महिलाएं, बच्चे, NHPC के कर्मचारी और उनके परिवार शामिल थे।
बयान
CISF अधिकारी ने बताई उस रात की कहानी
CISF ने कहा, "6 मई की रात को भारतीय सेना ने 'ऑपरेशन सिंदूर' चलाते हुए LOC के आसपास छिपे आतंकियों को मौत के घाट उतारा था। इसके जवाब में पाकिस्तान ने अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी। उनका निशाना उरी पावर प्रोजेक्ट समेत आसपास के आम नागरिक थे। उरी पावर प्लांट LOC के काफी करीब है। ऐसे में NHPC में नियुक्त CISF की यूनिट ने बहादुरी का परिचय दिया। उस टीम का नेतृत्व कमांडर रवि यादव कर रहे थे।"
जवान का बयान
सम्मानित हुए जवान ने कहा- सारे ड्रोन मार गिराए गए
सम्मानित हुए ASI गुरजीत सिंह ने हिंदुस्तान टाइम्स से कहा, "हमारे जवानों ने उरी-2 परियोजना के मुख्य द्वार के पास दुश्मन के ड्रोनों को मार गिराया। बड़े ड्रोनों को हमारी सहयोगी एजेंसियों ने निष्क्रिय कर दिया। उनके किसी भी ड्रोन ने संयंत्र को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया। एकमात्र कठिनाई उन परिवारों को जगाने में थी, जो गहरी नींद में सो रहे थे और उन्हें पता नहीं था कि क्या हो रहा है।"