निठारी कांड: आरोपी सुरेंद्र कोली और मोनिंदर पंढेर कई मामलों में बरी, फांसी की सजा रद्द
चर्चित निठारी कांड के आरोपी सुरेंद्र कोली और मोनिंदर सिंह पंढेर को इलाहाबाद हाई कोर्ट से राहत मिली है। कोर्ट ने कई मामलों में दोनों को बरी कर दिया है। न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र और एसएचए रिचवी की खंडपीठ ने सोमवार को ये फैसला सुनाया। कोली को 12 मामलों और पंढेर को 2 मामलों में बरी किया गया है। पंढेर की नोएडा स्थित कोठी का कोली रखरखाव करता था और लड़कियों और बच्चों को लालच देकर कोठी में लाता था।
आरोपियों ने CBI कोर्ट के फैसले को दी थी चुनौती
गाजियाबाद में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की विशेष कोर्ट ने दोनों आरोपियों को कई मामलों में फांसी की सजा सुनाई थी। दोनों ने CBI कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिकाएं दायर की थीं। इन याचिकाओं में आरोपियों ने कहा था कि इन घटनाओं को कोई गवाह नहीं है और सिर्फ वैज्ञानिक और परिस्थितिजन्य सबूतों के आधार पर उन्हें दोषी ठहराकर फांसी की सजा दी गई है, जिसे रद्द किया जाना चाहिए।
क्या है मामला?
साल 2006 में निठारी कांड ने देशभर में सनसनी मचा दी थी। नोएडा के निठारी गांव के एक घर और उसके आसपास से एक महिला और बच्चों के कंकाल मिले थे। इसके बाद पंढेर और कोली को गिरफ्तार किया गया। आरोप था कि कोली पीड़ितों को बहला-फुसलाकर घर बुलाता था और इसके बाद उनकी हत्या कर देता था। उस पर हत्या से पहले रेप का भी आरोप है। पंढेर मामले में सीधे तौर पर शामिल नहीं था।