पंजाब: मोहाली स्थित पुलिस इंटेलीजेंस मुख्यालय पर RPG से हमला करने वाला आरोपी गिरफ्तार
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने पंजाब पुलिस के मोहाली स्थित इंटेलीजेंस मुख्यालय पर रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड (RPG) से हमला करने वाले आरोपी को उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार किया है। NIA के प्रवक्ता ने बताया कि हरियाणा के झज्जर जिले के सुरकपुर निवासी दीपक रंगा को बुधवार सुबह गोरखपुर से गिरफ्तार किया गया है। पिछले साल मई में आरोपी ने पुलिस मुख्यालय पर RPG से हमला किया था और तब से वह फरार चल रहा था।
कनाडा और पाकिस्तान के गैंगस्टर्स का करीबी सहयोगी है रंगा
NIA प्रवक्ता ने कहा, "दीपक रंगा कनाडा स्थित गैंगस्टर से आतंकी बने लखबीर सिंह संधू उर्फ 'लांडा' और पाकिस्तान स्थित गैंगस्टर से आतंकी बने हरविंदर सिंह संधू उर्फ 'रिंडा' का करीबी है। मई में पुलिस इंटेलीजेंस मुख्यालय पर हुए RPG हमले में शामिल होने के अलावा वह हत्याओं सहित कई अन्य हिंसक आतंकवादी और आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहा है।" उन्होंने कहा कि रंगा सक्रिय रूप से इन दोनों से आतंकी फंड और लॉजिस्टिकल सपोर्ट हासिल कर रहा था।
NIA ने स्वत: संज्ञान लेते हुए मामला किया था दर्ज
दरअसल, NIA ने पिछले साल 20 सितंबर को इस घटना का स्वत: संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज किया था। इस मामले में स्थानीय पुलिस की प्राथमिक जांच में यह बात सामने आई थी कि आतंकी संगठन और विदेशों में बैठे आतंकी टारगेट किलिंग और अन्य हिंसक अपराधों को अंजाम दे रहे हैं। इसके लिए आतंकी संगठन, उत्तरी राज्यों में संचालित संगठित आपराधिक गिरोहों के सरगनाओं और सदस्यों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।
क्या था मामला?
पिछले साल मई में मोहाली स्थित पुलिस इंटेलीजेंस मुख्यालय पर एक RPG दागा गया था और जिसकी वजह से ये धमाका हुआ। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, दो संदिग्ध एक सफेद स्विफ्ट डिजायर कार में सवार होकर इलाके में आए थे और बिल्डिंग से 80 मीटर दूर से एक RPG दागा था। धमाके से इमारत के शीशे टूट गए और एक दीवार को भी नुकसान पहुंचा। गनीमत रही कि किसी व्यक्ति को चोट नहीं आई।
क्या होता है RPG?
RPG कंधे पर रखकर चलाया जाने वाला एक एंटी-टैंक हथियार होता है, जिससे विस्फोटक दागे जाते हैं। इनकी मदद से रॉकेट भी दागी जा सकती हैं। कुछ RPG को बार-बार लोड करके इस्तेमाल किया जा सकता है, वहीं कई केवल एक बार इस्तेमाल किए जा सकते हैं। कई देशों की सेनाएं RPG का इस्तेमाल करती हैं और युद्ध में ये बड़ी भूमिका अदा करते हैं। उग्रवादी और आतंकी समूह भी इनका भरपूर इस्तेमाल करते हैं।