PoK में नेपाल जैसा जेन-Z प्रदर्शन, शहबाज सरकार के खिलाफ क्यों फूटा युवाओं का गुस्सा?
क्या है खबर?
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में नेपाल की तरह नई पीढ़ी यानी जेन-Z बगावत पर उतर आई है। कॉलेज फीस बढ़ाने और मूल्यांकन प्रक्रिया के खिलाफ शुरू हुआ ये विरोध प्रदर्शन धीरे-धीरे पूरे PoK में फैलकर पाकिस्तानी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन का रूप ले चुका है। कथित तौर पर एक अज्ञात बंदूकधारी द्वारा छात्रों पर गोलीबारी करने के बाद यह प्रदर्शन हिंसक हो उठा है, जिसने शहबाज शरीफ सरकार की चिंताएं बढ़ा दी हैं।
शुरुआत
कैसे हुई प्रदर्शनों की शुरुआत?
प्रदर्शनों की शुरुआत इस महीने में मुजफ्फराबाद के एक शीर्ष विश्वविद्यालय में फीस बढ़ोतरी और बेहतर सुविधाओं की मांग को लेकर हुई थी। इसके अलावा रिजल्ट में धांधली को लेकर भी छात्रों का गुस्सा फूट पड़ा था, क्योंकि नई नीति के बाद हजारों छात्रों को फेल कर दिया गया था। इसके विरोध में छात्र सड़कों पर उतरे तो प्रशासन ने उनकी मांगें सुनने के बजाय विश्वविद्यालय में राजनीतिक गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया और छात्रों की आवाज कुचल दी।
प्रदर्शन
कैसे हिंसक हुए प्रदर्शन?
छात्र इस महीने की शुरुआत से पूरे PoK में शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे। हालांकि, इसके बाद मुजफ्फराबाद में एक अज्ञात बंदूकधारी शख्स ने छात्रों के समूह पर गोलीबारी कर दी, जिसमें एक छात्र घायल हो गया। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में एक व्यक्ति प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाता दिख रहा है। रिपोर्ट में दावा किया गया कि पुलिस की मौजूदगी में ये घटना हुई। इसके बाद छात्र हिंसक हो गए और उन्होंने टायर जलाए और आगजनी और तोड़फोड़ की।
मांग
क्या है छात्रों की मांगें?
छात्रों की सबसे बड़ी मांग ई-मार्किंग प्रणाली में सुधार की है। अक्टूबर में जारी इंटरमीडिएट प्रथम वर्ष की परीक्षा के परिणामों में हजारों छात्रों ने कम अंक दिए जाने की शिकायत की है। कुछ मामलों में छात्रों को उन विषयों में भी पास कर दिया गया, जिनकी परीक्षा उन्होंने दी ही नहीं थी। इसके अलावा छात्र 1,500 रुपये पुनर्मूल्यांकन शुल्क माफ करने और सेमेस्टर फीस कम करने की भी मांग कर रहे हैं।
पिछला प्रदर्शन
पहले भी सरकार के खिलाफ सड़कों पर थे PoK के लोग
सितंबर में भी पाकिस्तान सरकार के खिलाफ PoK में हिंसक प्रदर्शन हुए थे, जिसमें 12 से ज्यादा आम नागरिक मारे गए थे। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने पंजाब पुलिस के अधिकारियों को बंधक बना लिया था। मुजफ्फराबाद में प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पाकिस्तानी सेना ने बड़े-बड़े कंटेनर लगाए थे, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने इन्हें नदी में फेंक दिया था। प्रदर्शनकारी बढ़ती महंगाई, पाकिस्तानी सेना के जुल्म, आटे और बिजली पर सब्सिडी और सालों से लंबित सुधारों को लेकर सड़कं पर थे।