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कुंभ में भगदड़ का इतिहास: 1954 में मारे गए थे 800 लोग, जानें कब-कब हुए हादसे
कुंभ मेलों में पहले भी कई बार भगदड़ मच चुकी है

कुंभ में भगदड़ का इतिहास: 1954 में मारे गए थे 800 लोग, जानें कब-कब हुए हादसे

लेखन आबिद खान
Jan 29, 2025
02:12 pm

क्या है खबर?

प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में भगदड़ मच गई है। हादसे में कम से कम 10 लोग मारे गए हैं और कई घायल हुए हैं। हालांकि, अभी तक हताहतों का आधिकारिक आंकड़ा जारी नहीं किया गया है। महाकुंभ में आज मौनी अमावस्या के स्नान के चलते करोड़ों लोगों की भीड़ जुटी और ये हादसा हो गया। ये पहली बार नहीं है, जब कुंभ में इस तरह की घटना हुई है। आइए कुंभ में भगदड़ का इतिहास जानते हैं।

1954

1954 के कुंभ में हुई थी 800 मौतें

1954 में प्रयागराज (तब इलाहाबाद) में आजाद भारत का पहला कुंभ लगा था। तब 3 फरवरी को मौनी अमावस्या के मौके पर ही लाखों श्रद्धालु अमृत स्नान करने पहुंचे थे। तभी एक हाथी के बेकाबू होने से भगदड़ मच गई। अलग-अलग मीडिया रिपोर्ट में मौतों का आंकड़ा 400 से 800 तक बताया गया। कई लोग कुचलकर तो कई डूबकर मर गए। ये भगदड़ में एक दिन में मरने वालों का सबसे बड़ा आंकड़ा है।

1986 

1986 के हरिद्वार कुंभ में मारे गए थे 200 लोग

1986 के हरिद्वार कुंभ में भगदड़ मचने से करीब 200 लोग मारे गए थे और दर्जनों घायल हुए थे। रिपोर्ट के मुताबिक, कुंभ के दौरान 14 अप्रैल, 1986 को मेले में उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह, कई राज्यों के मुख्यमंत्री और सांसदों के साथ हरिद्वार पहुंचे थे। इस कारण आम लोगों को स्नान से रोका गया था, जिससे भीड़ बेकाबू हो गई और भगदड़ मच गई।

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नासिक कुंभ

नासिक कुंभ में हुई थी 39 की मौत

2003 में नासिक कुंभ में भयानक भगदड़ मचने से 39 तीर्थयात्रियों की जान चली गई थी और 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। ये हादसा 27 अगस्त को हुआ था। बताया जाता है कि 30,000 से अधिक तीर्थयात्री रामकुंड की तरफ बढ़ रहे थे, जिन्हें पुलिस ने रोक दिया था, ताकि पहले साधु-संत स्नान कर सके। इसी दौरान एक साधु ने चांदी के सिक्के फेंके, जिन्हें लूटने की जद्दोजहद में भगदड़ मच गई।

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उज्जैन

उज्जैन में मारे गए थे 50 लोग

2010 में कुंभ का आयोजन हरिद्वार में हो रहा था। तब 14 अप्रैल को शाही स्नान के दौरान साधुओं और श्रद्धालुओं के बीच झड़प हो गई थी। इसके बाद लोग घबराकर भागने लगे और भगदड़ में 7 लोगों की मौत हो गई थी और 15 लोग घायल हो गए थे। 1992 में उज्जैन में सिंहस्थ कुंभ के दौरान भगदड़ मचने से 50 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी।

2013 

2013 में मौनी अमावस्या के दिन ही हुआ था बड़ा हादसा

2013 में प्रयागराज में कुंभ लगा था। तब 10 फरवरी के दिन मौनी अमावस्या थी, जिसके चलते रेलवे स्टेशन पर भारी भीड़ी थी। रात करीब 8 बजे रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 6 पर आने वाली ट्रेन का प्लेटफॉर्म अचानक से बदल दिया गया। इसके बाद लोग नए प्लेटफॉर्म की ओर भागने लगे और पुल पर भगदड़ मच गई, जिसमें 36 लोग मारे गए। इसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री आजम खान ने इस्तीफा दे दिया था।

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