सुल्तानपुरी हादसा: गृह मंत्रालय के आदेश पर मुख्य आरोपियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज
क्या है खबर?
दिल्ली के सुल्तानपुरी हादसे की पीड़िता अंजलि के हिट-एंड-ड्रैग मामले में शामिल रहे सभी मुख्य आरोपियों के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने हत्या की धारा 302 के तहत मुकदमा दर्ज किया है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश पर यह कार्रवाई हुई है और SIT जांच रिपोर्ट में पता चला था कि हादसे की रात सभी आरोपी नशे में धुत थे।
इससे पहले मंत्रालय के आदेश पर ड्यूटी में लापरवाही बरतने वाले 11 पुलिसकर्मियों को भी सस्पेंड किया गया था।
घटनाक्रम
क्या है पूरा मामला?
दिल्ली के अमन विहार की रहने वाली 20 वर्षीय अंजलि 1 जनवरी की सुबह अंधेरे में अपनी दोस्त निधि के साथ स्कूटी से वापस लौट रही थी, तभी सुल्तानपुरी में एक कार ने उनको टक्कर मार दी।
टक्कर में निधि तो अलग गिर गई, लेकिन अंजलि का पैर गाड़ी में ही फंस गया और कार सवार उसे 13 किलोमीटर तक घसीटते हुए ले गए।
इसके बाद अंजलि का शव सुनसान इलाके में नग्न हालत में मिला था।
FSL
आरोपी जानते थे कि लड़की कार के नीचे फंसी है- दिल्ली पुलिस
दिल्ली पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि सभी आरोपी जानते थे कि उनकी कार के नीचे लड़की फंसी है, लेकिन फिर भी वो उसे घसीटते रहे और इसकी पुष्टि CCTV फुटेज से भी हुई है।
बीते दिनों FSL रोहिणी द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि भी हुई थी कि सभी आरोपी हादसे की रात शराब के नशे में धुत थे और इसके बाद ही हत्या की धारा जोड़ी गई हैै।
मेडिकल रिपोर्ट
मेडिकल रिपोर्ट में यौन दुर्व्यवहार की नहीं हुई थी पुष्टि
इस मामले में पीड़िता की मेडिकल जांच रिपोर्ट में किसी भी यौन दुर्व्यवहार की पुष्टि नहीं हुई थी और प्राइवेट पार्ट में चोट के निशान नहीं मिले थे।
मेडिकल रिपोर्ट के मुताबिक, शव पर चोटों के करीब 40 से ज्यादा निशान थे और मौत से पहले पीड़िता के सिर, रीढ़ की हड्डी और निचले अंगों से बहुत खून निकला था और अत्यधिक खून बहने की वजह से ही मौत की संभावना जताई गई थी।
जमानत
मुख्य आरोपियों को छोड़कर अन्य आरोपियों को मिली जमानत
इस मामले में घटना के दिन कार चला रहे दीपक खन्ना और उसके साथी अमित खन्ना, मनोज मित्तल, कृष्ण और मिथुन मुख्य आरोपी हैं।
दिल्ली पुलिस ने इन पांचों के अलावा अन्य दो आरोपियों आशुतोष भारद्वाज और अंकुश खन्ना को भी बाद में गिरफ्तार किया था।
आशुतोष वारदात में इस्तेमाल हुई कार का मालिक था और आरोपियों ने उससे कार किराये पर ली थी।
अन्य दोनों आरोपियों की सीधी संलिप्तता न मिलने के कारण कोर्ट से उन्हें जमानत मिल गई।