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लद्दाख में सामान्य हो रहे हालात, 26 प्रदर्शनकारी रिहा; हिंसा की होगी न्यायिक जांच
लद्दाख में हिंसक प्रदर्शन के बाद हालात सामान्य हो रहे हैं

लद्दाख में सामान्य हो रहे हालात, 26 प्रदर्शनकारी रिहा; हिंसा की होगी न्यायिक जांच

लेखन आबिद खान
Oct 02, 2025
04:08 pm

क्या है खबर?

लद्दाख में बीते हफ्ते हुए हिंसक प्रदर्शन के बाद धीरे-धीरे हालात सामान्य हो रहे हैं। कल यानी 1 अक्टूबर को लेह में कर्फ्यू में 8 घंटे की ढील दी गई थी। इस दौरान सुबह 10 से लेकर शाम 6 बजे तक बाजार खुले और सड़कों-दुकानों पर चहल-पहल रही। हालांकि, स्कूल-कॉलेज और इंटरनेट सेवाएं बंद रहीं। वहीं, प्रदर्शन के दौरान 4 लोगों की मौत की न्यायिक जांच के आदेश दिए गए हैं।

पत्र

सोनम वांगचुक की पत्नी ने राष्ट्रपति को लिखा पत्र

हिंसा के बाद गिरफ्तार किए गए पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि आंगमो ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखा है। उन्होंने अपील की कि राष्ट्रपति एक आदिवासी होने के चलते लद्दाख के लोगों की भावनाओं को समझें। पत्र में उन्होंने आरोप लगाया कि वांगचुक का मनोबल गिराने के लिए पिछले महीने से ही कार्रवाई हो रही है। उन्होंने कहा, "वांगचुक कभी भी किसी के लिए खतरा नहीं हो सकते, अपने राष्ट्र के लिए तो बिल्कुल नहीं।"

सवाल

गीतांजलि ने किया सवाल- क्या भारत वाकई आजाद है?

वहीं, गीतांजलि ने लिखा, 'क्या भारत वाकई आजाद है? 1857 में 24,000 अंग्रेजों ने महारानी के आदेश पर 30 करोड़ भारतीयों पर अत्याचार करने के लिए 1.35 लाख भारतीय सिपाहियों का इस्तेमाल किया था। आज गृह मंत्रालय के आदेश पर एक दर्जन प्रशासक 2,400 लद्दाखी पुलिस का दुरुपयोग करके 3 लाख लद्दाखियों पर अत्याचार कर रहे हैं।' गीतांजलि ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, लद्दाख के उपराज्यपाल और कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को भी पत्र भेजा है।

रिपोर्ट

4 हफ्ते में सौंपना होगी हिंसा की जांच रिपोर्ट

लद्दाख प्रशासन ने हिंसा की न्यायिक जांच का आदेश दिया है, जिसमें 4 लोगों की मौत हो गई थी और कई नागरिक और सुरक्षाकर्मियों घायल हुए थे। IAS अधिकारी मुकुल बेनिवाल को इसके लिए जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है। उन्हें 4 हफ्ते के भीतर जांच पूरा करने के आदेश दिए गए हैं। प्रशासन ने ऐसे लोगों को बुलाया है, जिनके पास मौके के वीडियो-फोटो हैं या जो मौखिक तौर पर कुछ बताना चाहते हैं।

हिंसा

लद्दाख में क्यों भड़की हिंसा? 

लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने और छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर लंबे समय से प्रदर्शन हो रहे हैं। वांगचुक कई मांगों को लेकर 15 दिनों से आमरण अनशन पर थे। 24 सितंबर को छात्रों और स्थानीय लोगों ने लेह में उनकी मांगें पूरी नहीं करने के विरोध में बंद बुलाया था। इसी दौरान हिंसा भड़क गई थी। प्रदर्शनकारियों ने भाजपा कार्यालय और CRPF वाहन में आग लगा दी थी।