राजस्थान: त्योहारों और 'द कश्मीर फाइल्स' की स्क्रीनिंग को देखते हुए कोटा में धारा 144 लागू
क्या है खबर?
आगामी त्योहारों और 'द कश्मीर फाइल्स' फिल्म की स्क्रीनिंग को देखते हुए कोटा प्रशासन ने जिले में कानून-व्यवस्था बनाए रखने धारा 144 लागू कर दी है।
सोमवार को जारी हुए आदेश के तहत जिले में सभी प्रकार के विरोध प्रदर्शनों पर रोक लगा दी गई है।
आदेश में कहा गया है कि सांप्रदायिक नजरिये से कोटा जिला बेहद संवेदनशील है। फिल्म के कारण प्रदर्शन, बैठक, नदी में नहाते समय युवक की मौत जैसी घटनाएं कानून-व्यवस्था को प्रभावित कर सकती है।
कोटा
ये बताए गए धारा 144 लागू करने के कारण
प्रशासन की तरफ से जारी आदेश में लिखा गया है कि आगामी त्योहारों, सिनेमाघरों में दिखाई जा रही 'द कश्मीर फाइल्स' और चंबल नदी और इसकी सहायक नहरों में नहाते युवाओं को देखते हुए कोटा में धारा 144 लगाई गई है। इसका पालन करना अनिवार्य है।
बता दें कि विवेक अग्निहोत्री के निर्देशन में बनी 'द कश्मीर फाइल्स' घाटी से कश्मीरी पंडितों के पलायन पर आधारित है। इस फिल्म को लेकर काफी राजनीति भी हो रही है।
आदेश
एक महीने तक लागू रहेगी धारा 144
कोटा के जिलाधिकारी हरिमोहन मीणा की तरफ से जारी आदेश के अनुसार, जिले में 22 मार्च से 21 अप्रैल तक धारा 144 लागू रहेगी। इस दौरान जिले की सीमा के भीतर कहीं भी पांच से अधिक लोग एक जगह इकट्ठा नहीं हो सकेंगे। इसका उल्लंघन करने पर भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत कार्रवाई की जाएगी।
हालांकि, यह प्रतिबंध सरकारी आयोजन, पुलिस, चुनाव संबंधी गतिविधियों और कोरोना वैक्सीनेशन कार्यक्रम पर लागू नहीं होगा।
ट्विटर पोस्ट
यहां देखें पूरा आदेश
Rajasthan | Section 144 will be imposed in Kota from tomorrow, March 22, till April 21, in view of maintaining law order with the screening of 'The Kashmir Files': Kota District Collector District Magistrate pic.twitter.com/iSJXC1ud8B
— ANI (@ANI) March 21, 2022
प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री भी दे चुके हैं फिल्म पर प्रतिक्रिया
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीते गुरुवार को 'द कश्मीर फाइल्स' पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि इस फिल्म के जरिये देश में ऐसा माहौल बनाया जा रहा है, जिससे हिंदुओं और मुस्लिमों समेत अन्य धर्मों के बीच खाई और बढ़ेगी।
उन्होंने ट्विटर पर लिखा था कि मीडिया और सोशल मीडिया में इस फिल्म पर जो बहस होती हैं, उससे भाईचारे और सद्भाव का माहौल बिगड़ता है, मीडिया को इससे बचना चाहिए।
जानकारी
तत्कालीन परिस्थितियों की वर्तमान में विवेचना उचित नहीं- गहलोत
गहलोत ने अगले ट्वीट में लिखा, 'तत्कालीन परिस्थितियों में क्या हालात थे, उस पर वर्तमान में विवेचना को उचित नहीं कहा जा सकता। उस समय कश्मीर से पंडितों का जो पलायन हुआ उसका दर्द सभी देशवासियों को हुआ, चाहे वो किसी भी धर्म के हों।'