कोलकाता मामले पर मुख्यमंत्री ममता ने की इस्तीफे की पेशकश, जनता से माफी भी मांगी
कोलकाता मामले को लेकर बीते 33 दिनों से जारी जूनियर डॉक्टरों का प्रदर्शन खत्म होने के संकेत नहीं मिल रहे हैं। राज्य सरकार ने आज प्रदर्शनकारी डॉक्टरों को चर्चा के लिए बुलाया था, लेकिन डॉक्टरों ने बैठक के सीधे प्रसारण की शर्त रख दी। इसके बाद बैठक नहीं हो पाई। इस दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 2 घंटे तक डॉक्टरों का इंतजार करती रहीं। उन्होंने कहा कि वे इस्तीफा भी देने को तैयार हैं।
क्या बोलीं ममता बनर्जी?
ममता ने कहा, "मैंने डॉक्टरों से बात करने की पूरी कोशिश की। 3 दिनों तक उनसे मिलने का इंतजार किया। आज 2 घंटे तक इंतजार करने पर भी वे नहीं आए। मैं इस्तीफा देने को भी तैयार हूं। पहले हमने सीधे प्रसारण की अनुमति दी थी, लेकिन अब मामला सुप्रीम कोर्ट और केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) में है। लिहाजा इसकी इजाजत नहीं दी जा सकती है।" उन्होंने जनता से माफी मांगी और डॉक्टरों से काम पर लौटने की अपील की।
मुझे पद से कोई मोह नहीं- मुख्यमंत्री
ममता ने कहा, "वे न्याय लेने नहीं आए हैं। उन्हें कुर्सी चाहिए। अगर डॉक्टर चाहते तो हम कोर्ट की इजाजत लेकर उन्हें रिकॉर्डिंग सौंप देते, लेकिन वे अपनी बात पर अड़े हुए हैं। मैं लोगों की खातिर इस्तीफा देने को तैयार हूं। मुझे मुख्यमंत्री पद नहीं चाहिए। मैं चाहती हूं कि दोषियों के खिलाफ मुकदमा चलाया जाए। आम लोगों का न्याय किया जाना चाहिए। मैं पश्चिम बंगाल की जनता से माफी मांगती हूं। मुझे पद से कोई मोह नहीं है।"
ये है प्रदर्शनकारी डॉक्टरों की 5 सूत्री मांगें
प्रदर्शनकारी डॉक्टरों की 5 सूत्री मांगों में बलात्कार, हत्या और सबूतों से छेड़छाड़ में शामिल सभी संभावित दोषियों को सजा मिले। आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रधानाचार्य संदीप घोष के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई हो। कोलकाता पुलिस के आयुक्त विनीत गोयल का इस्तीफा लिया जाए और उत्तर और मध्य उपायुक्त के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई हो। स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा बढ़ाई जाए। पश्चिम बंगाल के अस्पतालों में डॉक्टरों को धमकी देना और हमले करने की घटनाएं बंद हो।
सरकार ने तीसरी बार चर्चा के लिए बुलाया था
राज्य सरकार ने आज तीसरी बार प्रदर्शनकारी डॉक्टरों को चर्चा के लिए बुलाया था। इससे पहले 11 सितंबर की शाम 6 बजे राज्य सरकार ने 10 से 15 डॉक्टरों के एक प्रतिनिधिमंडल को मिलने बुलाया था, लेकिन डॉक्टरों ने कई शर्तें रख दी थीं। उन्होंने कहा था कि बैठक के लिए उनका एक 30 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल जाएगा। इसके अलावा बैठक में मुख्यमंत्री की मौजूदगी, सीधा प्रसारण और खुले मंच पर बातचीत की शर्त भी रखी थी।
क्या है महिला डॉक्टर की हत्या का मामला?
9 अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक महिला डॉक्टर का शव मिला था। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में डॉक्टर की हत्या से पहले रेप की पुष्टि हुई थी। उसकी आंख, मुंह, पैर, गर्दन, हाथ, कमर और निजी अंगों पर काफी चोटें थीं। मामले में पुलिस ने अस्पताल में आने-जाने वाले एक नागरिक स्वयंसेवक संजय रॉय को गिरफ्तार किया है और उसका पॉलीग्राफ टेस्ट भी कराया गया है। फिलहाल CBI मामले की जांच कर रही है।