
जस्टिस बीआर गवई होंगे देश के अगले मुख्य न्यायाधीश, 14 मई को लेंगे शपथ
क्या है खबर?
जस्टिस बीआर गवई देश के अगले मुख्य न्यायाधीश (CJI) होंगे। वह 14 मई को CJI के पद की शपथ लेंगे।
मौजूदा मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने अगले CJI के लिए जस्टिस गवई के नाम की सिफारिश कानून मंत्रालय को भेजी थी। बता दें कि जस्टिस खन्ना का कार्यकाल 13 मई को खत्म हो रहा है।
जस्टिस गवई देश के 52 वें मुख्य न्यायाधीश होंगे। उनका कार्यकाल 6 महीने का होगा।
दलित
देश के दूसरे दलित CJI बनेंगे जस्टिस गवई
जस्टिस गवई देश के दूसरे दलित CJI बनने जा रहे हैं। उनसे पहले अनुसूचित जाति के जस्टिस केजी बालाकृष्णन CJI रहे हैं।
केरल से आने वाले बालाकृष्णन जनवरी, 2007 से मई, 2010 तक CJI रहे थे।
जस्टिस गवई को 24 मई, 2019 को सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त किया गया था। इससे पहले वे बॉम्बे हाई कोर्ट में अपनी सेवाएं दे चुके हैं।
उनका कार्यकाल 23 नवंबर, 2025 तक होगा।
परिचय
कौन हैं जस्टिस गवई?
जस्टिस गवई का जन्म 24 नवंबर, 1960 को महाराष्ट्र के अमरावती में हुआ था। वे बिहार और केरल के पूर्व राज्यपाल आरएस गवई के बेटे हैं।
उन्होंने 1985 में वकालत शुरू की। वे 1987 से 1990 तक बॉम्बे हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करते रहे। उन्हें 1992 में बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ में महाराष्ट्र सरकार का सहायक सरकारी वकील और अतिरिक्त लोक अभियोजक नियुक्त किया गया।
जस्टिस गवई 2003 में हाई कोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश और 2005 में स्थायी न्यायाधीश बने।
फैसले
जस्टिस गवई के कुछ अहम फैसले
जस्टिस गवई अपने कार्यकाल के दौरान 600 से ज्यादा फैसले सुना चुके हैं और 200 से ज्यादा पीठों का हिस्सा रहे हैं।
उन्होंने बुलडोजर कार्रवाई के खिलाफ कहा था कि केवल अपराध में आरोपी/दोषी होने पर संपत्तियों को ध्वस्त नहीं किया जा सकता।
वे अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) में कोटे के भीतर कोटा, अनुच्छेद 370, दिल्ली शराब नीति मामला, चुनावी बॉन्ड और नोटबंदी जैसे अहम फैसले सुनाना वाली पीठ का भी हिस्सा थे।
प्लस
न्यूजबाइट्स प्लस
परंपरा के मुताबिक, कानून मंत्री वर्तमान CJI से अगले CJI की सिफारिश करने को कहते हैं। आमतौर पर सबसे वरिष्ठ नाम को CJI मंत्रालय के पास भेजते हैं। फिलहाल जस्टिस गवई सबसे वरिष्ठ हैं, इसलिए उनका नाम भेजा गया है।
इस सिफारिश को फिर प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के पास भेजा जाता है।
वैसे तो CJI की नियुक्ति का अधिकार केंद्र सरकार के पास है, लेकिन आमतौर पर सिफारिशी नाम को ही अगला CJI नियुक्त किया जाता है।