
वायु सेना को मिलेंगे 97 तेजस लड़ाकू विमान, रक्षा मंत्रालय ने HAL के साथ किया समझौता
क्या है खबर?
भारतीय वायु सेना की ताकत बढ़ने वाली है। रक्षा मंत्रालय ने 97 तेजस लड़ाकू विमानों के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के साथ 62,370 करोड़ रुपये का समझौता किया है। यह समझौता प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली सुरक्षा मामलों पर संसदीय समिति (CCS) से मंजूरी मिलने के एक महीने बाद हुआ है। सरकार ने कहा कि विमानों की आपूर्ति 2027-28 में शुरू होगी और इनमें 64 प्रतिशत से ज्यादा सामग्री स्वदेशी होगी।
समझौता
यह रक्षा इतिहास का सबसे बड़ा स्वदेशी लड़ाकू विमान समझौता
समझौते के तहत 68 सिंगल और 29 डबल सीट वाले विमान और इनसे जुड़े सारे उपकरण खरीदे जाएंगे। विमानों की डिलीवरी 2027-28 से शुरू होगी और 6 साल में पूरी की जाएगी। विमानों में स्वदेशी सामग्री के साथ ही 67 नए और आधुनिक उपकरण शामिल किए गए हैं। इसमें एडवांस तकनीक जैसे UTTAM AESA राडार, स्वयं रक्षा कवच और कंट्रोल एक्ट्यूएटर्स शामिल होंगे। यह रक्षा इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा स्वदेशी लड़ाकू विमान समझौता माना जा रहा है।
मिग
मिग-21 विमानों की जगह लेंगे तेजस
तेजस विमान वायुसेना में मिग-21 विमानों की जगह लेंगे। बता दें कि मिग-21 विमान पुराने हो चुके हैं और आए दिन हादसे का शिकार होते हैं।इसी वजह से इन्हें चरणबद्ध तरीके से बाहर किया जा रहा है। कल यानी 26 सितंबर को मिग-21 विमान की आखिरी उड़ान होगी। मिग-21 विमान 62 साल तक वायुसेना में रहे हैं। इन्होंने 1971 युद्ध, करगिल और कई बड़े अभियानों में अहम भूमिका निभाई है।
खासियत
क्या है तेजस विमानों की खासियत?
तेजस अधिकतम 1980 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से उड़ान भर सकता है। ये एक बार में 1,850 किलोमीटर दूरी तय कर सकता है। इसमें 8 अलग-अलग तरह के हथियार लगाए जा सकते हैं। वर्तमान में इसमें एंटी-शिप मिसाइल लगी हुई है। भविष्य में इसमें और आधुनिक मिसाइलें लगाने की तैयारी है। कहा जाता है कि तेजस अपने छोटे आकार के कारण रडार सिस्टम को चकमा देने की काबिलियत भी रखता है।
बयान
वायुसेना प्रमुख ने विमानों की आपूर्ति में देरी पर जताई थी चिंता
मई में वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने रक्षा खरीद परियोजनाओं में देरी पर चिंता जताई थी। उन्होंने कहा था, "तेजस Mk1A लड़ाकू विमान की डिलीवरी अभी तक रुकी हुई है। इसके लिए फरवरी 2021 में HAL के साथ 48,000 करोड़ रुपये के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए थे। अभी तक 83 विमानों में से एक भी विमान नहीं दिया गया है। शुरुआत में डिलीवरी मार्च 2024 में शुरू होने वाली थी।"
पहला ऑर्डर
2021 में 83 तेजस मार्क-1A के लिए हुआ था समझौता
इससे पहले रक्षा मंत्रालय ने फरवरी 2021 में HAL के साथ 83 तेजस मार्क-1A विमानों को लेकर समझौता किया था। इसकी लागत 46,898 करोड़ रुपये की थी। ये विमान 2028 तक वायुसेना को मिलने हैं। ये तेजस विमानों का आधुनिक संस्करण हैं, जिसमें बेहद ताकतवर एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड एरे (AESA) रडार लगा है, जो एक साथ कई लक्ष्यों को ट्रैक कर सटीक हमला कर सकता है। इसका एडवांस्ड इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट दुश्मन के रडार को चकमा देने में सक्षम है।