भारत-अमेरिका के बीच सेमीकंडक्टर प्लांट को लेकर समझौता, जानें इससे जुड़ी सभी बातें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान भारत और अमेरिका के बीच सेमीकंडक्टर को लेकर अहम समझौता हुआ है। इसके तहत कोलकाता में सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन प्लांट स्थापित किया जाएगा, जो अमेरिकी सशस्त्र बलों, उसकी सहयोगी सेनाओं और भारतीय रक्षा बलों को इलेक्ट्रॉनिक चिप्स की आपूर्ति करेगा। इसे लेकर 2025 में काम शुरू होने की संभावना है, जिसे शक्ति नाम दिया गया है। आइए इस प्लांट के बारे में जानते हैं।
कौन करेगा प्लांट की स्थापना?
इस प्लांट का विकास भारत सेमीकंडक्टर मिशन के सहयोग और भारत सेमी, 3rdiTech और अमेरिकी अंतरिक्ष बल की भागीदारी वाली रणनीतिक प्रौद्योगिकी साझेदारी से किया जाएगा। 3rdiTech विनायक डालमिया और वृंदा कपूर के नेतृत्व वाला एक भारतीय स्टार्टअप है, जो भारतीय सेना के कई अंगों के साथ ही अमेरिका की जनरल एटॉमिक्स के लिए भी कई परियोजनाओं पर काम कर चुका है। हालांकि, अभी और विस्तृत जानकारी सामने नहीं आई है।
प्लांट में किन-किन चीजों का निर्माण होगा?
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, प्लांट में सेंसिंग इंफ्रारेड चिप, पावर इलेक्ट्रॉनिक चिप और संचार रेडियो आवृत्ति चिप बनाई जाएंगी। सेंसिंग इंफ्रारेड चिप का उपयोग नाइट विजन, स्पेस सेंसर, हथियार साइट्स, सैनिक हैंड हेल्ड साइट्स और ड्रोन के लिए किया जाएगा। पावर इलेक्ट्रॉनिक चिप का उपयोग उपग्रहों, ड्रोन, लड़ाकू विमानों, इलेक्ट्रिक वाहनों, डेटा केंद्रों और रेलवे इंजनों में किया जाएगा। संचार रेडियो आवृत्ति चिप का उपयोग सैन्य संचार, उपग्रह संचार, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध जैमर, रडार और 5G/6G दूरसंचार में किया जाएगा।
कितने लोगों को मिलेगा रोजगार?
निर्माताओं ने लक्ष्य रखा है कि प्लांट की शुरुआत के पहले चरण में हर साल 50,000 चिप्स का उत्पादन किया जाए। प्लांट में करीब 700 लोग काम करेंगे। दोनों कंपनियां सरस्वती नामक एक ज्ञान केंद्र में निवेश करेंगी, जिसमें हर साल 100 लोगों को प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके अलावा एक डिजाइन केंद्र दुर्गा बनाया जाएगा, जिसमें करीब 250 लोग काम करेंगे। ये इसलिए अहम है क्योंकि भारतीय सेमीकंडक्टर बाजार 2026 तक 33,000 हजार करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है।
समझौते पर भारत-अमेरिका ने क्या कहा?
व्हाइट हाउस ने कहा, "दोनों नेताओं ने राष्ट्रीय सुरक्षा, अगली पीढ़ी के दूरसंचार और हरित ऊर्जा अनुप्रयोगों के लिए उन्नत संवेदन, संचार और विद्युत इलेक्ट्रॉनिक्स पर केंद्रित एक नए सेमीकंडक्टर निर्माण संयंत्र की स्थापना के लिए एक महत्वपूर्ण समझौते की सराहना की।" विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने हिंदुस्तान टाइम्स से कहा, "हम हमेशा से प्रतिभा के भंडार के रूप में जाने जाते हैं। ये कदम दर्शाता है कि हम इसके निर्माण में प्रवेश कर रहे हैं।"