भारत ने H-1B वीजा शुल्क बढ़ाने पर जताई चिंता, कहा- कर रहे प्रभावों का अध्ययन
क्या है खबर?
अमेरिका द्वारा H-1B वीजा पर लगाए गए 1 लाख डॉलर के शुल्क पर भारत ने पहली प्रतिक्रिया दी है। भारत ने कहा है कि वो इस कदम के संभावित प्रभावों का अध्ययन कर रहा है। विदेश मंत्रालय ने चिंता जताते हुए कहा कि अमेरिका के इस कदम से वहां काम कर रहे भारतीय पेशेवरों के परिवारों के लिए व्यवधान के रूप में मानवीय परिणाम उत्पन्न होने की संभावना है। आइए जानते हैं भारत ने इस पर कैसे प्रतिक्रिया दी है।
बयान
विदेश मंत्रालय ने कहा- प्रभावितों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है
विदेश मंत्रालय ने कहा इस कदम के मानवीय परिणाम हो सकते हैं, क्योंकि इससे परिवारों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। मंत्रालय ने कहा, "हमने H-1B वीजा कार्यक्रम में व्यापक बदलावों की रिपोर्टों पर ध्यान दिया है और भारतीय उद्योग सहित सभी हितधारकों के परामर्श से इस कदम के पूर्ण प्रभावों का अध्ययन किया जा रहा है। कुशल प्रतिभा गतिशीलता और आदान-प्रदान ने अमेरिका और भारत में प्रौद्योगिकी विकास, नवाचार, प्रतिस्पर्धात्मकता और धन सृजन में बड़ा योगदान दिया है।"
ट्विटर पोस्ट
यहां पढ़ें विदेश मंत्रालय का पूरा बयान
Our statement regarding restrictions to the US H1B visa program⬇️
— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) September 20, 2025
🔗 https://t.co/fkOjHIxEu9 pic.twitter.com/1rM9W3GYqC
नियम
अमेरिका ने H-1B वीजा को लेकर क्या नियम बदले हैं?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने H-1B वीजा के लिए शुल्क 1 लाख डॉलर (करीब 88 लाख रुपये) कर दिया है। यानी जब तक H-1B वीजा धारक ये शुल्क जमा नहीं करेंगे, तब तक वे अमेरिका में प्रवेश नहीं कर पाएंगे। पहले ये शुल्क करीब 6 लाख रुपये था। यह आदेश 21 सितंबर से लागू होगा। भारतीयों पर इसका व्यापक असर होगा, क्योंकि बड़ी संख्या में भारतीय इस वीजा के जरिए अमेरिका जाते हैं।