
ईरान-इजरायल युद्ध से होर्मुज जलडमरूमध्य बंद होने की आशंका, भारत की क्या है तैयारी?
क्या है खबर?
ईरान और इजरायल युद्ध का कच्चे तेल की कीमतों पर असर पड़ना तय है। ईरान ने वैश्विक व्यापार के लिए अहम होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करने की चेतावनी दी है। अगर ऐसा होता है, तो तेल की कीमतें 100 डॉलर प्रति बैरल से भी ज्यादा हो सकती है। इसका असर भारत पर भी पड़ेगा, क्योंकि भारत अपनी जरूरत का 80 फीसदी तेल आयात करता है। आइए जानते हैं इससे निपटने के लिए भारत की क्या तैयारी है।
बैठक
वाणिज्य मंत्रालय ने की बैठक
20 जून को वाणिज्य मंत्रालय ने शिपिंग और कंटेनर कंपनियों, निर्यातकों और अन्य विभागों के प्रतिनिधियों के साथ संभावित होर्मुज संकट पर चर्चा के लिए बैठक बुलाई। वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने इस बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में बताया गया कि जलडमरूमध्य में स्थिति अभी स्थिर है और जहाजों की आवाजाही पर नजर रखने के लिए एक शिप रिपोर्टिंग सिस्टम काम कर रहा है। उन्होंने बताया कि माल ढुलाई और बीमा दरों पर भी नजर रखी जा रही है।
तैयारी
क्या है भारत की तैयारी?
न्यूज18 ने सूत्रों के हवाले से कहा कि भारत तनाव बढ़ने की स्थिति में फारस की खाड़ी के अलावा वैकल्पिक कच्चे तेल की आपूर्ति मार्गों की भी सक्रियता से तलाश कर रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि होर्मुज जलडमरूमध्य बंद होने की स्थिति में भारत के आंतरिक भंडार को बनाए रखने और यह सुनिश्चित करने के लिए कि तेल की आपूर्ति में कमी न आए, इन निर्यातों को कम किया जा सकता है।
असर
होर्मुज जलडमरूमध्य बंद होने से भारत पर क्या असर हो सकता है?
भारत के लिए होर्मुज जलडमरूमध्य काफी अहम है, क्योंकि भारत का करीब दो-तिहाई कच्चा तेल और आधी प्राकृतिक गैस इसी रास्ते से आती है। थिंक टैंक GTRI के मुताबिक, अगर होर्मुज जलडमरूमध्य में कोई सैन्य रुकावट आती है या इसे बंद किया जाता है, तो तेल की कीमतें, शिपिंग लागत और बीमा प्रीमियम में तेज उछाल आएगा। इससे महंगाई बढ़ेगी और रुपये पर दबाव पड़ेगा, जिसका भारत के आर्थिक हालात पर असर होगा।
ईरान
ईरान ने जलडमरूमध्य को बंद करने की दी है चेतावनी
ईरान ने चेतावनी दी है कि वो होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करने के विकल्प पर गंभीरता से विचार कर रहा है। ईरान की इस चेतावनी, युद्ध के बढ़ते दायरे और इसमें अमेरिका के शामिल होने से जुड़ी अनिश्चितताओं की वजह से कच्चे तेल की कीमतें पहले से ही बढ़ रही हैं। युद्ध के पहले दिन ही अंतरराष्ट्रीय तेल बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में 9 प्रतिशत से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है।
प्लस
न्यूजबाइट्स प्लस
होर्मुज फारस की खाड़ी में प्रवेश करने का एकमात्र समुद्री मार्ग है। इसके एक तरफ ईरान तो दूसरी तरफ ओमान और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) हैं। यह फारस की खाड़ी को ओमान की खाड़ी और हिंद महासागर में अरब सागर से जोड़ता है। अंतरराष्ट्रीय समुद्री व्यापार के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यहां से दुनिया का लगभग 20 प्रतिशत तेल जाता है। युद्ध के चलते ये पहले भी बाधित हुआ है।