#NewsBytesExplainer: ट्रेन से अग्नि मिसाइल लॉन्च करना कितनी बड़ी उपलब्धि, कितनी बढ़ेगी भारत की ताकत?
क्या है खबर?
भारत ने रक्षा क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि को हासिल कर लिया है। देश ने पहली बार रेल पर बने मोबाइल लॉन्चर सिस्टम के जरिए अग्नि प्राइम मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। इसी के साथ भारत उन चुनिंदा देशों की सूची में शामिल हो गया है, जिनके पास रेल नेटवर्क से मिसाइल लॉन्च करने वाली प्रणाली है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी इसे अपनी तरह का पहला परीक्षण बताया है। आइए जानते हैं ये कितनी बड़ी उपलब्धि है।
रेल
सबसे पहले जानिए रेल लॉन्च प्रणाली क्या होती है
आसान भाषा में समझें, तो भारत ने पहली बार ट्रेन पर लादकर मिसाइल दागी है। इसके लिए पटरियों पर चलने वाले रेल डिब्बे के आकार का एक विशेष लॉन्च पैड बनाया गया। इसे एक ट्रेन इंजन के जरिए परीक्षण स्थल पर ले जाया गया और मिसाइल दागी गई। इसी के साथ भारत समुद्र, जमीन, हवा और अब रेलवे पटरियों से भी परमाणु मिसाइल दागने की क्षमता वाला देश बन गया है।
खासियत
क्या है इस प्रणाली की खासियत?
इस प्रणाली की सबसे बड़ी खासियत ये है कि मिसाइलों को अब सड़क मार्ग के अलावा रेलों के जरिए भी कहीं भी ले जाया जा सकेगा। भारत में दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है, जो देश के ऐसे सुदूर इलाकों तक भी फैला है, जहां सड़क मार्ग से मिसाइलें ले जाना लगभग असंभव है। मिसाइलों को दागने के लिए खास लॉन्च पैड की जरूरत नहीं होगी। ये प्रणाली एक चलते-फिरते लॉन्च पैड की तरह काम करेगी।
फायदे
कैसे बढ़ेगी भारत की ताकत?
इस तकनीक के जरिए न सिर्फ मिसाइलों की गतिशीलता बढ़ेगी, बल्कि उन्हें दुश्मन की सैटेलाइट से छिपाया भी जा सकेगा। इससे दुश्मन के लिए लॉन्चिंग पैड और मिसाइलों को ट्रैक करना मुश्किल होगा। मिसाइलों को ट्रेन में रखकर सुरंगों के भीतर भी छिपाया जा सकेगा। इसके अलावा मिसाइलों की भंडारण क्षमता भी मजबूत होगी, क्योंकि आमतौर पर दुश्मन उन सैन्य ठिकानों को निशाना बनाते हैं जहां मिसाइलें रखी जाती हैं।
खामियां
क्या रेल लॉन्च प्रणाली की कुछ खामियां भी हैं?
जी। सबसे बड़ी खामी है कि मिसाइल केवल रेल ट्रैक से ही दागी जा सकती हैं। यानी अगर लॉन्च पॉइंट तक कोई रेलवे लाइन नहीं है, तो यह प्रणाली किसी काम की नहीं है। इसके अलावा रेल आधारित लॉन्चर से मिसाइल लक्ष्य पर उतनी सटीकता से नहीं दागी जा सकती, जितनी अन्य लॉन्चरों से दागी जा सकती है। इससे नागरिक इलाकों को नुकसान का खतरा बढ़ सकता है।
देश
किन देशों के पास ये प्रणाली है?
भारत से पहले रूस, चीन और उत्तर कोरिया इस तरह से मिसाइल दाग चुके हैं। अमेरिका ने भी अनाधिकारिक तौर पर ऐसा परीक्षण किया है। सबसे पहले 1980 के दशक में सोवियत संघ ने रेल लॉन्चर से मिसाइल दागी थी। सोवियत ने परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम ठोस ईंधन वाली RT-23 मोलोडेट्स मिसाइल का परीक्षण किया था। दिसंबर 2016 में चीन ने DF-41 मिसाइल को रेल लॉन्चर से दागा था।
मिसाइल
2,000 किलोमीटर है अग्नि प्राइम की रेंज
भारत ने जून 2021 में अग्नि सीरीज की आधुनिक मिसाइल अग्नि प्राइम का परीक्षण किया था। इसकी रेंज 2,000 किलोमीटर है और यह परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है। ये कम वजनी है और इसे मोबाइल लॉन्चर से भी दागा जा सकता है। अग्नि प्राइम मिसाइल 2 स्टेज प्रोपल्शन सिस्टम से चलती है और ठोस ईंधन पर आधारित है। इस मिसाइल को भारत की स्ट्रैटेजिक फोर्सेज कमांड के तहत संचालित किया जाता है।