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पहली बार ट्रेन से अग्नि-प्राइम मिसाइल का सफल परीक्षण, जानिए क्या है खासियत
रेल से मिसाइल का सफल परीक्षण

पहली बार ट्रेन से अग्नि-प्राइम मिसाइल का सफल परीक्षण, जानिए क्या है खासियत

लेखन गजेंद्र
संपादन Manoj Panchal
Sep 25, 2025
09:52 am

क्या है खबर?

भारत ने पहली बार रेल आधारित मोबाइल लॉन्चर प्रणाली से मध्यम दूरी की अग्नि-प्राइम मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक्स पर इसका वीडियो साझा करते हुए लिखा, 'रेल आधारित मोबाइल लॉन्चर से यह अपनी तरह का पहला प्रक्षेपण है, जो बिना किसी पूर्व शर्त के रेल नेटवर्क पर चलने की क्षमता रखता है।' सिंह ने बताया कि इस प्रणाली से कम दृश्यता के साथ कम प्रतिक्रिया समय में प्रक्षेपण करने की सुविधा मिलती है।

बयान

पहली बार मिसाइल प्रक्षेपण में हुआ रेल नेटवर्क का इस्तेमाल

राजनाथ सिंह ने बताया कि यह अगली पीढ़ी की मिसाइल 2,000 किलोमीटर तक की मारक क्षमता के लिए डिजाइन की गई है और कई उन्नत सुविधाओं से लैस है। उन्होंने कहा कि यह यह पहली बार है जब राष्ट्रीय रेल नेटवर्क से एक विशेष रूप से डिजाइन प्लेटफॉर्म का उपयोग करके ऐसा प्रक्षेपण किया गया है। सिंह ने सफल प्रक्षेपण के लिए रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO), सामरिक बल कमान (SFC) और सशस्त्र बलों को बधाई दी है।

खासियत 

क्या है इसकी खासियत?

यह प्रणाली रेल पर आधारित है, जिसके लिए किसी खास तैयारी की जरूरत नहीं है। यह रेल नेटवर्क पर आसानी से चलाया जा सकता है। यह उन स्थान तक जाने में सक्षम है, जहां रेल लाइन हैं। ऐसे में यह एक स्थान से न चलकर कई विभिन्न स्थानों से भी मिसाइल दाग सकती है। सफल परीक्षण ने भारत को उन चुनिंदा देशों में शामिल किया है, जिनके पास रेल नेटवर्क से कैनिस्टराइज्ड प्रक्षेपण प्रणाली विकसित करने की क्षमता है।

ट्विटर पोस्ट

वीडियो में देखें अग्नि-प्राइम मिसाइल का प्रक्षेपण

जानकारी

कैसे हुआ प्रक्षेपण?

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, मिसाइल के प्रक्षेपण से पहले विभिन्न ग्राउंड स्टेशनों द्वारा नजर रखी गई थी। यह ऐसा प्रक्षेपण था, जिसने मिशन के सभी उद्देश्यों को पूरा किया। इस सफल प्रक्षेपण से भविष्य में रेल आधारित प्रणालियों को सेवाओं में शामिल करना संभव होगा।

खासियत

सैटेलाइट निगरानी से बचाएगा रेल आधारित प्रणाली

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मिसाइल की रेंज 1,000 से 2,000 किलोमीटर है, जो इसे इंटरमीडिएट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल (IRBM) बनाता है। इसे 1,500 किलोग्राम और 10-50 किलोटन परमाणु या पारंपरिक विस्फोटकों को ले जाने मेंसक्षम बनाया गया है। यह अग्नि-1 और अग्नि-2 मिसाइलों से अधिक सटीकता और लचीलापन देगी। इसका वजन भी काफी कम है। रेल-आधारित प्रणाली सैटेलाइट निगरानी से भी बचाएगा क्योंकि ट्रेनें मालगाड़ियों की तरह दिखती हैं, जिससे मिसाइल की स्थिति का पता लगाना संभवत: मुश्किल होगा।

क्षमता

किन देशों के पास ऐसी क्षमता?

कैनिस्टर से 'कोल्ड लॉन्च' संभव है, जिसमें मिसाइल पहले बाहर निकलती है और फिर इंजन प्रज्वलित होता है, जिससे लॉन्चर को नुकसान कम होता है। मिसाइल पाकिस्तान के पूरे क्षेत्र और चीन के कुछ हिस्सों (जैसे तिब्बत, युन्नान) को भी अपनी जद में लेने में सक्षम है। बताया जाता है कि रूस, चीन और उत्तर कोरिया के पास भी यह प्रणाली है।