
क्या भारत ने अमेरिकी से हथियार खरीदने की योजना रोक दी? रक्षा मंत्रालय ने किया स्पष्ट
क्या है खबर?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा रूस से लगातार तेल खरीद का हवाला देकर की गई भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा से दोनों देशों के संबंधों में खटास आ गई है। इस बीच खबर आई कि ट्रंप के इस कदम के बाद केंद्र सरकार ने नए अमेरिकी हथियार और विमान खरीदने की अपनी योजना को स्थगित कर दिया। हालांकि, अब रक्षा मंत्रालय ने स्पष्ट कर दिया कि खरीद के विभिन्न मामलों में मौजूदा प्रक्रियाएं जारी हैं।
बयान
रक्षा मंत्रालय ने क्या जारी किया बयान?
समाचार एजेंसी ANI के अनुसार, रक्षा मंत्रालय ने कहा कि भारत द्वारा अमेरिका के साथ रक्षा खरीद संबंधी बातचीत रोकने की खबरें झूठी और मनगढ़ंत हैं। यह स्पष्ट किया जाता है कि खरीद के विभिन्न मामलों में मौजूदा प्रक्रियाओं के अनुसार प्रगति हो रही है। मंत्रालय ने कहा कि अमेरिका के साथ किसी भी प्रकार के रक्षा सौदों को रद्द करने का अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है और रक्षा खरीद पर यथास्थिति बनाए रखी गई है।
रिपोर्ट
राजनाथ सिंह का अमेरिका दौरा निरस्त होने की आई थी रिपोर्ट
इससे पहले रायटर्स ने मामले से जुड़े 2 भारतीय अधिकारियों के हवाले से लिखा था कि सरकार ने अमेरिका से नए हथियार और विमान खरीदने के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को अमेरिका भेजने की योजना को टैरिफ बढ़ोतरी के बाद रोक दिया गया है। अधिकारियों ने दावा किया था कि भारत पहले अब अमेरिका के आगामी रुख का इंतजार करेगा और उसके बाद अपनी आगे की योजना पर काम करेगा। तब तक मौजूदा प्रक्रियाएं स्थिगित रहेंगी।
तैयारी
अमेरिका से ये रक्षा उपकरण खरीदने की तैयारी में है भारत
रिपोर्ट के अनुसार, भारत जनरल डायनेमिक्स लैंड सिस्टम्स द्वारा निर्मित स्ट्राइकर लड़ाकू वाहनों और रेथियॉन और लॉकहीड मार्टिन द्वारा विकसित जैवलिन एंटी-टैंक मिसाइलों की खरीद के लिए अमेरिका से चर्चा कर रहा है। इन हथियार और उपकरणों की खरीद से भारतीय सेना को मजबूती मिलने की उम्मीद है। बता दें कि राष्ट्रपति ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फरवरी में इन हथियारों की खरीद और संयुक्त उत्पादन की योजना की घोषणा करते हुए संयुक्त बयान जारी किया था।
योजना
भारत ने बनाई है 6 बोइंग विमान खरीदने की योजना
दो अन्य अधिकारियों ने बताया कि रक्षा मंत्री सिंह ने अपनी आगामी अमेरिकी यात्रा के दौरान भारतीय नौसेना के लिए 6 बोइंग P8I टोही विमानों और सहायक प्रणालियों की खरीद की घोषणा करने की भी योजना बनाई है। प्रस्तावित 3.6 अरब डॉलर (लगभग 31,320 करोड़ रुपये) के सौदे में विमान की खरीद पर बातचीत अंतिम चरण में है। बोइंग, लॉकहीड मार्टिन और जनरल डायनेमिक्स ने भारत और अमेरिका की सरकारों से इस पर चर्चा भी कर रही है।
तैयारी
भारत रूस से तेल आयात कम करने के लिए तैयार
भारत रूस से तेल आयात कम करने और अमेरिका सहित अन्य देशों से सौदे करने के लिए तैयार है, बशर्ते वे रूस कीमतों के बराबर कीमत दे सकें। भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा हथियार आयातक है और रूस लंबे समय से इसका मुख्य आपूर्तिकर्ता रहा है। हालांकि, हाल के वर्षों में भारत ने फ्रांस, इजराइल और अमेरिका जैसे पश्चिमी देशों से भी हथियार आयात करना शुरू किया है, लेकिन ट्रंप की टैरिफ बढ़ोतरी ने इसमें खलल डाल दिया है।
घोषणा
ट्रंप ने क्या की है घोषणा?
राष्ट्रपति ट्रंप ने 1 अगस्त को भारत के रूस से तेल खरीदने पर नाराजगी जताते हुए 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की थी। उन्होंने भारत पर जुर्माना लगाने की भी धमकी दी थी। हालांकि, उसके बाद भी भारत ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। इससे गुस्साए राष्ट्रपति ट्रंप ने 6 अगस्त को भारत पर 25 प्रतिशत और टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह टैरिफ अब 27 अगस्त से लागू किया जाएगा।
प्रतिक्रिया
भारत ने ट्रंप के आदेश पर क्या दी प्रतिक्रिया?
ट्रंप के फैसले पर विदेश मंत्रालय ने कहा, "हमने इन मुद्दों पर अपनी स्थिति पहले स्पष्ट कर दी है। हमारा आयात बाजार कारकों पर आधारित है और इसका उद्देश्य भारतीय नागरिकों की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करना है। यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि अमेरिका ने भारत पर ऐसे कदमों के लिए अतिरिक्त टैरिफ लगाने का विकल्प चुना है। हम फिर से दोहराते हैं कि ये अनुचित और अविवेकपूर्ण हैं। भारत अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगा।"