भारत ने फिलिस्तीन की UN सदस्यता का किया समर्थन, द्वि-राष्ट्र समाधान पर कही ये बात
भारत ने संयुक्त राष्ट्र (UN) में एक बार फिर इजरायल-फिलिस्तीन विवाद पर अपना रुख साफ किया है। भारत ने फिलिस्तीन को UN की सदस्यता का समर्थन किया, जबकि बीते महीने इसी मांग का अमेरिका ने विरोध किया था। भारत ने कहा कि द्वि-राष्ट्र समाधान ही दोनों देशों के बीच विवाद को हल कर सकता है। बता दें कि इससे पहले भी भारत द्वि-राष्ट्र समाधान का समर्थन कर चुका है।
क्या बोला भारत?
UN की एक बैठक में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कहा, "भारत द्वि-राष्ट्र समाधान का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है, जहां फिलिस्तीनी लोग इजरायल की सुरक्षा जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सुरक्षित सीमा के भीतर एक स्वतंत्र देश में स्वतंत्र रूप से रहने में सक्षम हैं। स्थायी समाधान पर पहुंचने के लिए भारत सभी पक्षों से शीघ्र सीधी शांति वार्ता फिर से शुरू करने के लिए अनुकूल परिस्थितियों को बढ़ावा देने का आग्रह करेगा।"
भारत ने फिलिस्तीन की UN सदस्यता का भी किया समर्थन
भारत ने UN की सदस्यता के लिए फिलिस्तीन की मांग का समर्थन किया है। कंबोज ने कहा, "हमें उम्मीद है कि संयुक्त राष्ट्र में फिलिस्तीन की सदस्यता पर उचित समय पर पुनर्विचार किया जाएगा और संयुक्त राष्ट्र का सदस्य बनने के फिलिस्तीन के प्रयास को समर्थन मिलेगा।" बता दें कि फिलहाल फिलिस्तीन UN का पर्यवेक्षक सदस्य है। वो UN की कार्यवाही में तो भाग ले सकता है, लेकिन किसी भी प्रस्ताव पर मतदान नहीं कर सकता है।
भारत ने की हमास के हमले की निंदा
कंबोज ने 7 अक्टूबर, 2023 को इजरायल पर हमास के हमले की निंदा की। उन्होंने कहा, "आतंकवाद और बंधक बनाने को कतई सही नहीं ठहराया जा सकता है। आतंकवाद के सभी रूपों के खिलाफ भारत का समझौता न करने वाला रुख रहा है। हम सभी बंधकों की तत्काल और बिना शर्त रिहाई की मांग करते हैं। इजरायल-हमास संघर्ष के कारण नागरिकों, विशेषकर महिलाओं और बच्चों की जान गई है और मानवीय संकट पैदा हो गया है, जो बिल्कुल अस्वीकार्य है।"
भारत पहले भी कर चुका है फिलिस्तीन का समर्थन
भारत इससे पहले कई बार फिलिस्तीन का समर्थन कर चुका है। मार्च में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि फिलिस्तीनियों को उनके अधिकारों और जमीन से वंचित कर दिया गया है। पिछले साल दिसंबर में भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में युद्ध में तत्काल मानवीय विराम की मांग वाले प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया था। अक्टूबर, 2023 में भारत ने कहा था कि वो स्वतंत्र फिलिस्तीन की स्थापना का समर्थन करता है।
न्यूजबाइट्स प्लस
द्वि-राष्ट्र समाधान 2 राज्यों की स्थापना कर इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष को हल करने की एक प्रस्तावित रूपरेखा है। इसके तहत जॉर्डन नदी और भूमध्य सागर के बीच की भूमि को विभाजित करके 2 स्वतंत्र, संप्रभु इजरायली और फिलिस्तीनी राज्यों को अगल-बगल में स्थापित करना है। 1993 में इजरायल और फिलिस्तीन मुक्ति संगठन (PLO) ने ओस्लो समझौते के हिस्से के रूप में इस समाधान को लागू करने की योजना पर सहमति व्यक्त की थी।