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कृषि कानून सुधारों की दिशा में अहम कदम, लेकिन प्रभावितों को सुरक्षा प्रदान करनी होगी- IMF

कृषि कानून सुधारों की दिशा में अहम कदम, लेकिन प्रभावितों को सुरक्षा प्रदान करनी होगी- IMF

Jan 15, 2021
12:01 pm

क्या है खबर?

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने गुरूवार को कृषि कानूनों को कृषि सुधारों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया, लेकिन साथ ही कहा कि इससे प्रभावित लोगों को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करने की जरूरत है। IMF ने कहा कि इन कानूनों से किसानों को खरीददारों से सीधा कॉन्ट्रैक्ट करने और बिलौचियों को हटाने में मदद मिलेगी। उसका ये बयान ऐसे समय पर आया है जब आज किसानों और सरकार के बीच बातचीत होने वाली है।

बयान

IMF ने अपने बयान में क्या कहा?

समाचार एजेंसी PTI के अनुसार, IMF की कम्युनिकेशंस डायरेक्टर गैरी राइस ने गुरूवार को वॉशिंगटन में रिपोर्टर्स से कहा, "हमारा मानना है कि कृषि कानूनों में भारत में कृषि सुधारों की दिशा में एक महत्वपू्र्ण कदम साबित होने की क्षमता है। ये कानून किसानों की खरीददारों से सीधा कॉन्ट्रैक्ट करने, बिचौलियों की भूमिका कम करके अधिक लाभ प्राप्त करने, कार्यक्षमता बढ़ाने और ग्रामीण विकास को सहयोग देने में मदद करेंगे।"

बयान

नुकसान उठाने वालों को प्रदान की जाए सुरक्षा- राइस

राइस ने अपने बयान में आगे कहा, "हालांकि यह बहुत अहम है कि नई व्यवस्था को अपनाने के दौरान हानि झेलने वाले लोगों को सुरक्षा प्रदान की जाए। सुधारों से प्रभावित लोगों को नौकरी मिले, ये सुनिश्चित करके ऐसा किया जा सकता है।"

बैठक

किसानों और सरकार के बीच आज नौवें दौर की बैठक

कृषि कानूनों के समर्थन में IMF का ये बयान ऐसे समय पर आया है जब मुद्दे के समाधान के लिए आज केंद्र सरकार और किसानों के बीच नौवें दौर की बैठक होनी है। इसस पहले हुई आठ दौर की बैठक में गतिरोध का कोई समाधान नहीं निकला है औऱ सरकार और किसान दोनों अपने रुख पर अड़े हुए हैं। जहां किसान चाहते हैं कि सरकार इन तीनों कानूनों को वापस ले, वही सरकार इन्हें वापस लेने को तैयार नहीं है।

कोर्ट की कार्रवाई

कानूनों के अमल पर रोक लगा चुकी है सुप्रीम कोर्ट

कृषि कानूनों पर सरकार और किसानों के बीच गतिरोध का ये मुद्दा सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा है जिसने 12 जनवरी को जारी किए गए अपने फैसले में अगले आदेश तक कृषि कानूनों के अमल पर रोक लगा दी थी। कोर्ट ने मामले में जमीनी स्थिति जानने के लिए एक चार सदस्यीय समिति बनाने का आदेश भी दिया था और सभी पक्ष इसके सामने जाकर अपनी दलीलें रखेंगे। हालांकि किसान इस समिति के सामने पेश होने से इनकार कर चुके हैं।

पृष्ठभूमि

क्या है कृषि कानूनों का पूरा मुद्दा?

दरअसल, मोदी सरकार कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए तीन कानून लेकर लाई है। इनमें सरकारी मंडियों के बाहर खरीद के लिए व्यापारिक इलाके बनाने, अनुबंध खेती को मंजूरी देने और कई अनाजों और दालों की भंडारण सीमा खत्म करने समेत कई प्रावधान किए गए हैं। पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान इन कानूनों का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इनके जरिये सरकार मंडियों और MSP से छुटकारा पाना चाहती है।