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स्वदेशी एकीकृत वायु रक्षा हथियार प्रणाली से किस तरह मजबूत होगी देश की हवाई सुरक्षा?
भारत ने एकीकृत वायु रक्षा हथियार प्रणाली (IADWS) का पहला उड़ान परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है

स्वदेशी एकीकृत वायु रक्षा हथियार प्रणाली से किस तरह मजबूत होगी देश की हवाई सुरक्षा?

Aug 25, 2025
01:13 pm

क्या है खबर?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 79वें स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन में देश के 'सुदर्शन चक्र' नाम से नई मिसाइल रक्षा पहल विकसित करने की बात कही थी। उसके 9 दिन बाद ही यानी 23 अगस्त को भारत ने ओडिशा के तट पर अपने एकीकृत वायु रक्षा हथियार प्रणाली (IADWS) का पहला उड़ान परीक्षण सफलतापूर्वक करते हुए उस लक्ष्य की ओर कदम बढ़ा दिया है। आइए जानते हैं स्वदेशी IADWS क्या है और इससे भारत की हवाई सुरक्षा कैसे मजबूत होगी।

परीक्षण

DRDO ने किया परीक्षण 

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने IADWS का पहला उड़ान परीक्षण सफलतापूर्वक किया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस उपलब्धि के लिए DRDO, भारतीय सशस्त्र बलों और उद्योग जगत को बधाई देते हुए कहा कि इस परीक्षण ने देश की बहुस्तरीय वायु-रक्षा क्षमता को स्थापित किया है और यह दुश्मन के हवाई खतरों के विरुद्ध महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की क्षेत्रीय रक्षा को मजबूत करेगा। बता दें कि IADWS का परीक्षण भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण है।

प्रणाली

क्या है एकीकृत वायु रक्षा हथियार प्रणाली?

IADWS एक बहुस्तरीय वायु रक्षा प्रणाली है, जो हवा के खतरों को कम करने के लिए डिजाइन की गई है। यह हवाई निगरानी, ​​युद्ध प्रबंधन और हथियार नियंत्रण का काम करती है। हवाई निगरानी को रक्षा प्रणाली की आंख कहते हैं। एक 'रडार' IADWS के कवरेज क्षेत्र में आने विमान का पता लगाता है, जबकि 'इनिसिएट' फंक्शन रडार रिटर्न को ट्रैक में बदलता है। 'पहचान' ट्रैक की जांच कर उसे मित्र, शत्रु या अज्ञात के रूप में वर्गीकृत करता है।

प्रबंधन

स्वदेश IADWS से मिलेगी देश को मजबूती

निगरानी के बाद IADWS युद्ध प्रबंधन में प्रवेश करता है, जो खतरे की पहचान करने से लेकर उसके खिलाफ कार्रवाई करने तक की प्रक्रिया है। कई देशों ने अपने स्वयं के IADWS विकसित किए हैं। अमेरिका के पास पैट्रियट मिसाइल प्रणाली के साथ-साथ टर्मिनल हाई एल्टीट्यूड एरिया डिफेंस (THAAD) है। रूस के पास S-400 और इजरायल के पास आयरन डोम है। भारत के परीक्षण में स्वेदशी IADWS ने भी बेहद सटीक प्रदर्शन किया है।

परीक्षण

भारत ने IADWS के किन तत्वों का परीक्षण किया?

भारत के IADWS के तीन घटक हैं, जिनमें त्वरित प्रतिक्रिया सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें (QRSAM), उन्नत बहुत कम दूरी वायु रक्षा प्रणाली (VSHORADS) मिसाइलें और उच्च शक्ति वाली लेजर आधारित निर्देशित ऊर्जा हथियार (DEW) शामिल हैं। QRSAM को DRDO द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है। इसी तरह VSHORADS मिसाइलों और DEW को क्रमशः रिसर्च सेंटर इमारत (RCI) और सेंटर फॉर हाई एनर्जी सिस्टम्स एंड साइंसेज (CHESS) द्वारा विकसित किया गया है।

खासियत

QRSAM और VSHORADS की खासियत क्या है?

QRSAM मूलतः कम दूरी की मिसाइलें हैं, जो लगभग 25-30 किलोमीटर की दूरी से तेज गति से चलने वाले विमानों, हेलीकॉप्टरों, क्रूज मिसाइलों और ग्लाइड बमों समेत सटीक हथियारों को निशाना बनाने में सक्षम हैं। इसमें एक साथ कई लक्ष्यों को निशाना बनाने की क्षमता है। VSHORADS एक पोर्टेबल वायु रक्षा प्रणाली है जिसे सैनिक अपने साथ रख सकते हैं। यह 6 किलोमीटर दूर तक दुश्मन के विमानों, ड्रोन, लड़ाकू विमानों और हेलीकॉप्टरों को मार गिरा सकता है।

जानकारी

DEW से क्या होगा फायदा?

DEW एक उच्च-शक्ति लेजर प्रणाली है। इसका उपयोग ड्रोन रक्षा प्रणाली, मिसाइल रक्षा और दुश्मन के इलेक्ट्रॉनिक्स को निष्क्रिय करने में किया जाता है। यह लगभग असीमित मारक क्षमता प्रदान करता है, जिससे निरंतर मुठभेड़ करना संभव है।

महत्वपूर्ण

भारत के लिए क्यों महत्वपूर्ण है IADWS?

IADWS की सफलता भारत के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है। विशेषज्ञों का कहना है कि मिसाइलों और निर्देशित-ऊर्जा प्रणालियों की बहुस्तरीय संरचना को एकीकृत करके IADWS यह सुनिश्चित करता है कि सभी प्रकार के हवाई खतरों का मुकाबला किया जा सके। IADWS दर्शाता है कि उच्च गति वाले विमानों, क्रूज मिसाइलों, झुंड में उड़ने वाले ड्रोनों और घूमते हुए हथियारों जैसे दोनों प्रकार के खतरों का मुकाबला एक ही प्रणाली से किया जा सकता है।

बयान

DRDO वैज्ञानिक ने दिया अहम बयान

DRDO के वरिष्ठ वैज्ञानिक ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, "कम दूरी पर किया गया यह पहला परीक्षण उच्च दूरी पर इस प्रणाली के उपयोग का रास्ता खोलता है। इसे मिशन व्यापक रक्षा कवच 'सुदर्शन चक्र' की दिशा में एक कदम के रूप में देखा जा सकता है।" उन्होंने कहा, "कम दूरी के हमलों के लिए VSHORADS से बेहतर कोई हथियार प्रणाली नहीं है और DEW के जरिए किसी भी प्रकार ड्रोन हमलों को विफल किया जा सकता है।"