देश का नया भूकंप नक्शा जारी; 61 प्रतिशत इलाके पर खतरा, हिमालय सबसे खतरनाक
क्या है खबर?
भारत ने नया भूकंप जोखिम नक्शा जारी किया है। इसे 'सिस्मिक जोनेशन मैप' नाम दिया गया है। नक्शे में पूरे हिमालय को पहली बार नव-निर्मित उच्चतम जोखिम वाली छठी श्रेणी में रखा गया है। नक्शे में एक चौंकाने वाली बात ये है कि इसमें देश के 61 प्रतिशत हिस्से को ज्यादा खतरे वाली श्रेणी में रखा गया है। पहले ऐसा इलाका 59 प्रतिशत था। आइए नए नक्शे से जुड़ी अहम बातें समझते हैं।
नक्शा
क्यों बनाया गया नया नक्शा?
भारत सरकार की संस्था ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स (BIS) ने ये नया भूकंप जोखिम नक्शा जारी किया है, जो जनवरी 2025 से पूरे देश में लागू हो चुका है। इसमें देश को भूकंप के खतरे के हिसाब से बांटा गया है। इससे पहले 2002 का नक्शा इस्तेमाल होता था। इसका उद्देश्य नई इमारतों, पुलों, राष्ट्रीय राजमार्गों और बड़ी परियोजनाओं को भूकंप से बचाना है, ताकि जान-माल का नुकसान कम हो। सभी इंजीनियर्स इस नए नक्शे का इस्तेमाल करेंगे।
जोन
नए नक्शे में क्या बदला है?
नए नक्शे में भी पुराने नक्शे की तरह 4 ही जोन हैं, लेकिन सबसे ऊंचे खतरे वाले जोन की परिभाषा बदली गई है। इसे उच्च रिस्क जैसा बताया गया है, जो ज्यादा खतरे की ओर इशारा करता है। इसके बाद देश का कुल 61 प्रतिशत हिस्सा मध्यम से ऊंचे खतरे वाले जोन में आ गया है। वहीं, देश की 75 प्रतिशत आबादी सबसे ज्यादा खतरे वाले इलाके में रहती है। नए नक्शे के बदलाव पुराने ऐतिहासिक डेटा से बेहतर हैं।
हिमालय
पूरा हिमालय सबसे उच्च श्रेणी वाले जोन में
नए नक्शे में हिमालय को लेकर सबसे बड़ा बदलाव हुआ है। अब हिमालय का पूरा इलाका सबसे ज्यादा खतरे वाली छठी श्रेणी में रखा गया है। पहले हिमालय का कुछ हिस्सा 5वीं और कुछ चौथी श्रेणी में था। टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के निदेशक विनीत गहलोत ने कहा, "नया नक्शा फॉल्ट लाइंस, तीव्रता और मिट्टी प्रकार को देखकर बना है, इसलिए हिमालय के आसपास के मैदानी इलाके भी ज्यादा सतर्क रहेंगे।"
तकनीक
नया नक्शा कितना उन्नत है?
BIS ने बताया कि नया नक्शा आधुनिक और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार्य संभाव्य भूकंपीय खतरा आकलन (PSHA) पद्धति का उपयोग कर तैयार किया गया है। इसमें सक्रिय फॉल्ट्स का विस्तृत डेटा, दूरी के साथ ग्राउंड शेकिंग में कमी का पैटर्न, टेक्टोनिक व्यवस्था विभिन्न भूगर्भीय सतहों का विश्लेषण शामिल है। इस नक्शे में पहली बार प्रोबेबिलिस्टिक एक्सपोजर एंड मल्टी-हैजर्ड असेसमेंट (PEMA) पद्धति से जनसंख्या घनत्व, बुनियादी ढांचे की सघनता और सामाजिक-आर्थिक कमजोरी को भी शामिल किया गया है।
भूकंप
भूकंप के लिहाज से संवेदनशील क्यों है हिमालय?
हिमालय पृथ्वी पर सबसे सक्रिय टेक्टोनिक प्लेटों की टकराव सीमा पर स्थित है। इसके नीचे स्थित भारतीय टेक्टॉनिक और यूरेशियन प्लेट लगातार घूमती रहती हैं और एक-दूसरे पर दबाव डालती हैं। भारतीय प्लेट हर साल 5 सेंटीमीटर प्रति वर्ष की दर यूरेशियन प्लेट की ओर खिसक रही है। इस घर्षण की वजह से ये क्षेत्र भूकंप के लिहाज से बेहद संवेदनशील है। इसके अलावा यहां की चट्टानें काफी युवा हैं। यानी ये अभी बनती टूटती रहती हैं।