मोरबी पुल हादसे में बचे लोगों ने कैसे बचाई अपनी जान? जानिए उन्हीं की जुबानी
गुजरात के मोरबी में रविवार शाम को मच्छू नदी पर बने केबल सस्पेंशन पुल के गिरने से 141 लोगों की मौत हो गई, लेकिन कुछ खुशनसीब संघर्ष के दम पर जान बचाने में कामयाब रहे। किसी ने पुल की केबल टूटने के बाद उससे लटककर तो किसी ने नदी में गिरने के बाद तैरकर अपनी जान बचाई। इन लोगों द्वारा बताए गए घटना के मंजर ने लोगों के रोंगटे खड़े कर दिए। आइये जानते हैं किसने कैसे अपनी जान बचाई।
मोरबी में क्या हुआ था हादसा?
पुल पर छठ पूजा कारण क्षमता से अधिक भीड़ होने के चलते एक तरफ की केबल टूट गई थी। इससे पुल पर मौजूद करीब 450 लोग नदी में गिर गए। इस हादसे में 141 लोगों की मौत हो गई। यह पुल मरम्मत कार्य के चलते सात महीनों से बंद था और 26 अक्टूबर को ही लोगों के लिए खोला गया था। हादसे के बाद पुलिस, NDRF, SDRF, भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना की टीमें बचाव कार्यों में जुटी हुई है।
दो दोस्तों ने झाड़ियां पकड़कर बचाई जान
हादसे में बचे अश्विन मेहरा ने समाचार एजेंसी ANI को बताया कि करीब 6:30 बजे वह दोस्त प्रकाश के साथ पुल पर खड़े थे। उस दौरान 20-25 साल के करीब दो दर्जन से अधिक युवक पुल की केबलों को पकड़कर जोर से हिला रहे थे। उन्होंने बताया कि अचानक केबल टूट गई और वह सीधे नदी के किनारे पर पानी में गिर गए। उन्होंने पास ही उगी हुई झाड़ियों को पकड़कर अपनी जान बचाई। उनका दोस्त भी बच गया।
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अश्विन के पैर और पीठ में लगी है चोट
अश्विन ने बताया कि गिरने से उसके पैर और पीठ में चोट लगी है। उनका फिलहाल हादसे में घायल हुए अन्य लोगों के साथ GMIRS जनरल अस्पताल में उपचार चल रहा है। उन्होंने नगर निगम प्रशासन पर अनदेखी का आरोप भी लगाया है।
पत्थर पर गिरने के बाद भी जिंदा बचा सात वर्षीय नंदन
जिंदा बचे सात वर्षीय नंदन चौहान ने बताया कि वह पिता प्रकाश, मां सोनलबेन और बहन के साथ पुल पर गए थे। पुल पर चढ़ते ही वह टूट गया और सभी नीचे गिर गए। हालांकि, वह पानी की जगह नीचे पड़े पत्थर पर जाकर गिरे। इससे उनके कई फ्रेक्चर हो गए। बाद में अस्पताल में उनका ऑपरेशन करना पड़ा। उन्होंने बताया कि उनके पिता, मां और बहन भी बच गए हैं और उनका दूसरे अस्पताल में उपचार चल रहा है।
पानी में गिरकर भी बचा चार वर्षीय जियांश
हादसे में बचे हर्ष जलावडिया ने बताया कि वह चचेरे भाई हार्दिक फल्दू, उनकी पत्नी मीरालबेन, चार वर्षीय बेटे जियांश के साथ पुल पर गए थे। पुल पर काफी भीड़ थी। उसी दौरान केबल टूट गई और वह नदी में गिर गए। वह और जियांश किनारे पर गिरने से बच गए, लेकिन जियांश के माता-पिता गहरे पानी में गिरने से नहीं बच पाए। उन्होंने बताया कि लोग एक-दूसरे पर गिर रहे थे और एक घंटे तक कोई बचाने नहीं आया।
केबल पकड़कर बचाई जान, लेकिन चचेरा भाई नहीं बच पाया
हादसे में बचे एक अन्य युवक ने बताया कि पुल पर काफी भीड़ थी। इसके बाद अचानक केबल टूटी और सभी पुल से नीचे नदी में गिर गए। इस दौरान उसके हाथ में पुल के केबल आ गई और वह दो घंटे तक उससे लटके रहे। बाद में उन्हें सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। मौके पर लोगों की चीख-पुकारें गूंज रही थी। उन्होंने बताया कि उनका चचेरा भाई नहीं बच पाया। पुल के नीचे से उसका शव बरामद हुआ है।
10 वर्षीय बालक ने केबल पकड़कर बचाई जान
इंडिया टुडे के अनुसार, इस हादसे में अपने माता-पिता को खोने वाले 10 वर्षीय एक बालक ने बताया कि वह जैसे ही पुल के बीच में पहुंचे तो वह गिर गया। इससे उसके माता-पिता और वह तीनों पानी में गिर गए, लेकिन उसके हाथ में पुल की केबल आ गई। वह उसे पकड़कर पुल पर आ गया और जान बच गई। उसने बताया कि माता-पिता अभी भी लापता है और वह उनके जिंदा बचने की दुआ कर रहा है।
पांच दोस्तों के साथ घूमने गए अहजादशाह अकेले बचे
मोरबी पुल हादसे में जिंदा बचे अहजादशाह अब्दुल्लशाह फकीर (19) ने बताया कि वह पांच दोस्तों के साथ छुट्टी पर ब्रिज पर घूमने आए थे, लेकिन हादसे में उनके तीन दोस्तों की मौत हो गई। जबकि दो अभी भी लापता हैं। उन्होंने बताया कि पुल पर अधिक भीड़ होने और कुछ युवाओं के केबल पकड़कर हिलाने से पुल टूट गया। वह अपने दोस्तों के साथ पानी में गिर गए और जैसे-तैसे तैरकर बाहर आ गए, लेकिन दोस्त नहीं बच पाए।
हादसे से कुछ मिनट पहले ही लौट आए विजय गोस्वामी
अहमदाबाद निवासी विजय गोस्वामी ने बताया कि वह परिवार सहित पुल पर गए थे, लेकिन वहां बहुत भीड़ थी। इससे वह हादसे की आशंका के चलते परिवार सहित वापस लौट आए और कुछ मिनट बाद ही पुल गिर गया। वह भगवान के शुक्रगुजार हैं।
बिना फिटनेस सर्टिफिकेट और अनुमति के खोला गया था पुल
हादसे को लेकर मोरबी नगर निगम अध्यक्ष संदीप जाला का कहना है कि ओरेवा नामक एक प्राइवेट कंपनी को पुल की मरम्मत का ठेका दिया गया था। कंपनी ने मरम्मत के बाद बिना सूचना दिए और फिटनेस सर्टिफिकेट लिए ही ही पुल खोल दिया। इसको लेकर पुलिस ने कंपनी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या), 308 और 114 के तहत मामला दर्ज कर सोमवार को पूछताछ के बाद नौ लोगों को गिरफ्तार कर लिया।