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कैसा है हैदराबाद हाउस, जहां ठहरेंगे रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन?
हैदराबाद हाउस को हैदराबाद के आखिरी निजाम ने बनवाया था

कैसा है हैदराबाद हाउस, जहां ठहरेंगे रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन?

लेखन आबिद खान
Dec 04, 2025
03:02 pm

क्या है खबर?

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन आज भारत दौरे पर आ रहे हैं। उनकी मेजबानी दिल्ली के हैदराबाद हाउस में की जाएगी। इस महलनुमा घर को दुनिया के सबसे अमीर शख्स माने जाने वाले हैदराबाद के आखिरी निजाम मीर उस्मान अली खान ने बनवाया था। आमतौर पर भारत के प्रधानमंत्री विदेशी मेहमानों से औपचारिक मुलाकात करने के लिए हमेशा हैदराबाद हाउस को चुनते हैं। आइए हैदराबाद हाउस के बारे में जानते हैं।

दिल्ली

दिल्ली में कैसे बना हैदराबाद हाउस?

जब ब्रिटिश सरकार ने दिल्ली को राजधानी बनाया, तो कई रियासतों ने यहां घर बनवाने की इच्छा जताई। हैदराबाद के निजाम वायसराय हाउस के पास प्रिंसेज पार्क में जगह चाहते थे, लेकिन अंग्रेज राजी नहीं थे। बाद में 5 रियासतों (हैदराबाद, बड़ौदा, पटियाला, जयपुर और बीकानेर) को वाइसरॉय हाउस से 3 किलोमीटर दूर किंग जॉर्ज पंचम की मूर्ति के पास जमीन दी गई। हैदराबाद के निजाम ने मशहूर आर्किटेक्ट एडविन लुटियंस को इस घर को बनाने का जिम्मा दिया।

डिजाइन

कैसा है हैदराबाद हाउस?

हैदराबाद हाउस को तितली जैसा डिजाइन किया गया है। यह महल 1920 के दशक में करीब 2 लाख पाउंड (आज के लगभग 170 करोड़ रुपये) की लागत से बना था। तितली के दोनों पंख सड़क की ओर फैलते हैं और प्रवेश द्वार हेक्सागन की तरफ खुलता है। निजाम इस बंगले को वायसरॉय बंगले जितना भव्य बनवाना चाहते थे, लेकिन सरकार ने इसकी अनुमति नहीं दी। इसके बाद 'तितली' के आकार की डिजाइन तैयार की गई।

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कमरे

8.2 एकड़ में फैला है हैदराबाद हाउस

हैदराबाद हाउस में कुल 36 कमरे हैं और यह 8.2 एकड़ में फैला है। इसके प्रांगण, फव्वारे, भव्य सीढ़ियां, आर्कवे की डिजाइन में यूरोपीय शैली के साथ-साथ मुगल शैली की भी झलक है। फर्श पर संगमरमर के सुंदर डिजाइन, गोल मेहराब और यूरोपीय डिजाइन से प्रेरित खिड़कियां इसे और भी आकर्षक बनाती हैं। महल की मुख्य खासियत एक गुंबद वाला हॉल है, जिसके नीचे एक पत्थर वाले स्तंभ है। इसकी पहली मंजिल के हॉलवे में शानदार रोम्बिक मार्बल डिजाइन है।

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सजावट

महल की शोभा बढ़ाती हैं महंगी पेंटिंग, कालीन और चांदी के बर्तन

इस महल में दुनिया के मशहूर चित्रकारों की 17 पेंटिंग लगी हुई हैं, जिन्हें हजारों रुपये खर्च कर खरीदा गया था। लाहौर के जाने-माने चित्रकार अब्दुल रहमान चुगताई की 30 पेंटिंग भी यहां लगी हैं। हैदराबाद हाउस के फर्श पर इराक, तुर्की और अफगानिस्तान से मंगवाए गए बेहतरीन कालीन बिछे हैं। डाइनिंग हॉल में एक साथ 500 लोग खाना खा सकते हैं, जिसमें चांदी की प्लेटें, खास कटलरी और दुनियाभर से मंगवाए गए सभी जरूरी सामान है।

आजादी

आजादी के बाद सरकार के नियंत्रण में आया आलिशान महल

1947 में भारत की आजादी के बाद हैदराबाद हाउस सरकार की संपत्ति बन गया। 1974 में इसे औपचारिक रूप से विदेश मंत्रालय को सौंप दिया गया। इसके बाद यह भारत के लिए आधिकारिक दौरे और हाई-प्रोफाइल कूटनीतिक बैठकों का मुख्य केंद्र बन गया। बिल क्लिंटन, जॉर्ज बुश, गॉर्डन ब्राउन और व्लादिमीर पुतिन जैसे विश्व नेता यहां भोजन, प्रेस कॉन्फ्रेंस और बैठक में शामिल हो चुके हैं। इसे भारत की कूटनीति का प्रतीक माना जाता है।

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