पेट्रोल-डीजल के टैक्स में कटौती की भरपाई के लिए 1 लाख करोड़ का कर्ज लेगी सरकार
क्या है खबर?
पेट्रोल-डीजल के टैक्स में कटौती के कारण होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए केंद्र सरकार बाजार से एक लाख करोड़ रुपये का कर्ज ले सकती है।
ईंधन पर टैक्स में कटौती से सरकार को इतना ही नुकसान होने की आशंका है और ये पूरी की पूरी रकम बाजार से उठाई जाएगी। मामले से संबंधित लोगों ने ये जानकारी दी है।
बढ़ते कर्ज का भारत के बॉन्ड बाजार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की आशंका भी जताई जा रही है।
पृष्ठभूमि
महंगाई से राहत देने के लिए कल की गई थी टैक्स में कटौती
कल केंद्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर लगने वाली उत्पाद शुल्क में कमी की थी। पेट्रोल पर आठ रुपए और डीजल पर छह रुपए प्रति लीटर शुल्क की कमी की गई है।
इससे देश में पेट्रोल की कीमत 9.5 रुपए प्रति लीटर और डीजल की कीमत सात रुपए प्रति लीटर कम हो गई है।
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के नौ करोड़ से अधिक लाभार्थियों को प्रति सिलेंडर 200 रुपये की सब्सिडी देने का ऐलान भी किया गया था।
जानकारी
किसानों को मिलने वाली उर्वरक सब्सिडी बढ़ाने का भी ऐलान
सरकार ने किसानों को 1.05 लाख रुपये की अतिरिक्त उर्वरक सब्सिडी देने का ऐलान भी किया है। इसके अलावा अधिक आयात निर्भरता वाले प्लास्टिक उत्पादों के कच्चे माल और बिचौलियों पर लगने वाले सीमा शुल्क को भी कम कर दिया गया है।
कारण
इसलिए सरकार को लेना होगा बाजार से कर्ज
मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने ब्लूमबर्ग को बताया कि गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) और व्यक्तिगत इनकम टैक्स के कलेक्शन में वृद्धि से केंद्र सरकार को जो अधिक राजस्व मिला है, वो गरीबों को खाद्य सब्सिडी और किसानों को उर्वरक सब्सिडी में चला जाएगा।
ऐसे में पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क में होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए सरकार को बाजार से उधार लेना होगा। वित्त मंत्रालय के प्रवक्ता ने अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
कर्ज
इस साल रिकॉर्ड कर्ज लेगी केंद्र सरकार
सरकार को राजस्व में ये नुकसान ऐसे समय पर होने जा रहा है जब सरकार इस साल रिकॉर्ड कर्ज लेने वाली है। सरकार ने इस वित्त वर्ष में मार्च, 2023 तक 14.3 लाख करोड़ रुपये का कर्ज जुटाने का लक्ष्य रखा है। ये पूरा कर्ज रुपये में बैंक और बीमा कंपनियों आदि से लिया जाएगा।
इस बढ़ते कर्ज का भारत के बॉन्ड बाजार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की संभावना है, जो पिछले कुछ महीनों से उछाल पर था।
संभावना
2 लाख रुपये का अतिरिक्त खर्च और कर सकती है सरकार
महंगाई को नियंत्रण में रखने के लिए सरकार दो लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च और कर सकती है।
एक अधिकारी ने अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि सरकार का मानना है कि उर्वरक सब्सिडी के लिए 50,000 करोड़ रुपये की और जरूरत पड़ सकती है।
इसके अलावा अगर कच्चे तेल की कीमत में वृद्धि जारी रहती है तो पेट्रोल-डीजल के टैक्स में फिर कटौती की जा सकती है, जिससे 1.5 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है।
महंगाई दर
अप्रैल में रिकॉर्ड स्तर पर रही थी महंगाई दर
बता दें कि अप्रैल में देश में खुदरा महंगाई दर 7.79 प्रतिशत रही थी जो सितंबर, 2014 के बाद सबसे अधिक है।
ईंधन और खाद्य पदार्थों की कीमत में वृद्धि के कारण महंगाई दर में ये वृद्धि आई है। अप्रैल में खाद्य पदार्थों की महंगाई दर 8.38 प्रतिशत रही, वहीं ईंधन की कीमत रिकॉर्ड स्तर पर हैं।
मार्च में देश में महंगाई दर 6.95 प्रतिशत रही थी और खाद्य पदार्थों की कीमत में 7.68 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।