खराब मौसम में पायलट की गलती से क्रैश हुआ था जनरल रावत का हेलीकॉप्टर- वायुसेना
क्या है खबर?
तमिलनाडु के कोयंबटूर में जनरल बिपिन रावत के हेलीकॉप्टर क्रैश मामले की ट्राई-सर्विसेज कोर्ट ऑफ इंक्वायरी की प्रारंभिक निष्कर्ष रिपोर्ट भारतीय वायुसेना (IAF) को मिल गई है।
इसमें कहा गया है कि खराब मौसम में पायलट की गलती से यह हादसा हुआ था और इसमें किसी भी प्रकार की साजिश सामने नहीं आई है।
बता दें कि हादसे में जनरल रावत सहित 13 लोगों की मौत हुई थी, वहीं ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह की इलाज के दौरान मौत हुई थी।
रिपोर्ट
"अचानक बदले मौसम में बादलों में प्रवेश के कारण हुआ था हादसा"
NDTV के अनुसार, वायुसेना को सौंपी गई रिपोर्ट में कहा गया है, "अचानक हुए मौसम में बदलाव बाद हेलीकॉप्टर के बादलों में प्रवेश के कारण यह हादसा हुआ था। हेलीकॉप्टर के बादलों में फंसने के कारण पायलट का स्थानिक भटकाव हुआ और एक नियंत्रित उड़ान अनियंत्रित (CFIT) हो गई।"
वायुसेना ने कहा, "अपने निष्कर्षों के आधार पर कोर्ट ऑफ इंक्वायरी ने कुछ और सिफारिशें भी की हैं जिनकी समीक्षा की जा रही है।"
खारिज
यांत्रिक विफलता और तोड़फोड़ नहीं आई सामने
वायुसेना के अनुसार, जांच दल ने दुर्घटना के संभावित कारण का पता लगाने के लिए सभी उपलब्ध गवाहों से पूछताछ के अलावा फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर का विश्लेषण किया था।
इसी तरह कोर्ट ऑफ इंक्वायरी ने दुर्घटना के कारण के रूप में किसी यांत्रिक विफलता, तोड़फोड़-विध्वंस या लापरवाही को पूरी तरह से खारिज कर दिया है।
हालांकि, यह प्रारंभिक निष्कर्ष रिपोर्ट है। ऐसे में उसकी अन्य सिफारिशों पर गौर किया जा रहा है।
सवाल
CFIT क्या होता है?
अंतरराष्ट्रीय वायु परिवहन संघ (IATA) के अनुसार, CFIT उन दुर्घटनाओं को संदर्भित करता है जिनमें पूरी तरह से नियंत्रित उड़ान बिना संकेत के जमीन, पहाड़, पानी या बाधा वाले क्षेत्र में चला जाता है और दुर्घटनाग्रस्त हो जाता है।
इसी तरह संयुक्त राज्य संघीय उड्डयन प्रशासन का कहना है कि CFIT उड़ान के नियंत्रण में होने के बाद अनजाने में जमीन, पहाड़, पानी या एक बाधा वाला क्षेत्र में टकराने को कहा जाता है।
पृष्ठभूमि
8 दिसंबर को क्रैश हुआ था जनरल रावत का हेलीकॉप्टर
बता दें कि 8 दिसंबर को जनरल रावत और उनकी पत्नी समेत 14 लोगों को ले जा रहा वायुसेना का Mi-17V5 हेलीकॉप्टर तमिलनाडु के कोयंबटूर में क्रैश हो गया था।
जनरल रावत सुलूर हवाई अड्डे से वेलिंगटन एक कॉलेज में लैक्चर देने के लिए जा रहे थे और इसी दौरान कुनूर में हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया।
घटना में जनरल रावत और उनकी पत्नी समेत 13 लोग मारे गए थे, वहीं ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह की इलाज के दौरान मौत हुई।
जांच
सैन्य बलों के शीर्ष पायलट की अध्यक्षता में हुई जांच
तीनों सेनाओं की इस कोर्ट ऑफ इंक्वायरी की अध्यक्षता एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह ने की जो सैन्य बलों में शीर्ष हेलीकॉप्टर पायलट हैं।
वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने इस जांच के आदेश दिए थे। जांच में ब्लैक बॉक्स में दर्ज फ्लाइट से संबंधित आंकड़े और कॉकपिट की बातचीत का भी विश्लेषण किया गया है।
दुर्घटना के एक दिन बाद ही ब्लैक बॉक्स को बरामद कर लिया गया था। अब रिपोर्ट का गहन अध्ययन किया जा रहा है।