महाराष्ट्र: आदित्य ठाकरे पर FIR, बिना अनुमति कर दिया था पुल का उद्घाटन
क्या है खबर?
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे पर FIR दर्ज की गई है। उन्होंने 16 नवंबर को बिना अनुमति के मुंबई के लोअर परेल में एक निर्माणाधीन पुल का उद्घाटन कर दिया थ।
इसके खिलाफ एनएम जोशी पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज कराई गई है। आदित्य के साथ ही शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के नेता सुनील शिंदे और सचिन अहीर पर भी मामला दर्ज किया गया है।
मामला
क्या है मामला?
दरअसल, 16 नवंबर को मुंबई के लोअर परेल के डेलाइल पुल का वर्ली से विधायक आदित्य, वर्ली के पूर्व विधायक सचिन अहीर, मुंबई की पूर्व मेयर किशोरी पेडनेकर, स्नेहल अंबेकर और सुनील शिंदे ने आधिकारिक तौर पर उद्घाटन कर दिया था।
इन लोगों का कहना है कि पुल बनकर तैयार है, लेकिन उद्घाटन नहीं होने से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस वजह से आदित्य ने 16 नवंबर की देर रात पुल का उद्घाटन कर दिया।
धारा
किन धाराओं में दर्ज हुआ मामला?
बृहंमुंबई नगर निगम (BMC) की शिकायत के बाद ये FIR दर्ज की गई है। BMC अधिकारियों का कहना है कि इस तरह पुल का उद्घाटन करना गैरकानूनी है, क्योंकि इससे लोगों की जान को संभावित खतरा हो सकता है।
आदित्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 143, 149, 336 और 447 के तहत मामला दर्ज किया गया है। ये धाराएं गैरकानूनी जमावड़ा, दंगा, जान को खतरे में डालने वाले कृत्य और आपराधिक अतिचार से संबंधित हैं।
बयान
शिंदे गुट ने साधा निशाना
शिवसेना (शिंदे गुट) के प्रवक्ता किरण पावस्कर ने कहा, "शिवसेना (UBT) केवल श्रेय लेने की कोशिश कर रही है और कह रही है कि उन्होंने इन परियोजनाओं को पूरा करने के लिए प्रयास किए। जब वे सत्ता में थे तो घर बैठे थे और घर बैठने से कोई काम नहीं होता। हमें बताया गया कि अंतिम चरण में कुछ काम बाकी है, इसलिए पुल नहीं खोला गया। ये राजनीतिक नहीं बल्कि तकनीकी फैसले हैं।"
आदित्य
क्या बोले आदित्य?
आदित्य ने एक्स पर लिखा, 'हम BMC के पुल खोलने का इंतजार कर रहे थे। लगभग 10 दिन बीत गए। पुल तैयार है, लेकिन उद्घाटन के लिए किसी VIP का इंतजार किया जा रहा है।'
एक दूसरी पोस्ट में आदित्य ने लिखा, 'हमने कल रात इसका उद्घाटन किया और आज सरकार के दबाव में BMC ने इसे फिर बंद कर दिया। सिर्फ मुंबई के नागरिकों को परेशान करने के लिए सरकारी उद्घाटन का इंतजार किया जा रहा है।'
प्लस
न्यूजबाइट्स प्लस
शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने पिछले साल जून में 40 विधायकों के साथ तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत कर दी थी। इससे शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) और कांग्रेस के गठबंधन वाली महाविकास अघाड़ी (MVA) सरकार गिर गई थी।
कई दिनों तक चले सियासी खींचतान के बाद शिंदे गुट ने भाजपा के साथ मिलकर सरकार बना ली थी। शिवसेना के 2 धड़ों में बंटने के बाद मामला चुनाव आयोग और इसके बाद सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था।