LOADING...
प्रधानमंत्री ने कर्तव्य भवन का उद्घाटन किया, इसमें गृह-विदेश समेत अहम मंत्रालय होंगे; जानें खासियत
प्रधानमंत्री ने कर्तव्य भवन-3 का उद्घाटन किया है

प्रधानमंत्री ने कर्तव्य भवन का उद्घाटन किया, इसमें गृह-विदेश समेत अहम मंत्रालय होंगे; जानें खासियत

लेखन आबिद खान
Aug 06, 2025
02:03 pm

क्या है खबर?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज दिल्ली में कर्तव्य पथ पर कर्तव्य भवन-3 इमारत का उद्घाटन किया। यह सेंट्रल विस्टा परियोजना का हिस्सा है और कॉमन सेंट्रल सेक्रेटरिएट (CSS) की 10 में से पहली इमारत है। अब गृह, विदेश, ग्रामीण विकास समेत कई अहम मंत्रालयों का कामकाज यहीं से होगा। 7 मंजिला इस इमारत को अलग-अलग जगहों पर स्थित मंत्रालयों और विभागों को एक साथ लाकर बेहतर समन्वय के लिए बनाया गया है। आइए इसकी खासियत जानते हैं।

दायरा

कितनी बड़ी है इमारत?

कर्तव्य भवन-3 अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस इमारत है, जो लगभग 1.5 लाख वर्ग मीटर क्षेत्र में फैली है। इसमें बेसमेंट और भूतल को मिलाकर 7 मंजिलें हैं। इमारत में 600 गाड़ियों की पार्किंग की व्यवस्था है। यहां 24 मुख्य कॉन्फ्रेंस रूम, जबकि 26 छोटे कॉन्फ्रेंस रूम हैं। इसके अलावा 9 लोगों की क्षमता वाले 67 मीटिंग रूम या वर्क हाल भी हैं। इमारत में लिफ्ट, केंद्रीकृत एयर कंडीशनर, जिम, योगा केंद्र, कैफे और स्वचालित सीढियों समेत तमाम सुविधाएं हैं।

पर्यावरण

इको-फ्रेंडली है इमारत 

इमारत को बनाने में पर्यावरण के मानकों और अनुकूलता का भी ध्यान रखा गया है। छत पर 366 किलोवॉट का सोलर पैनल लगा है, जो सालाना 5.34 लाख यूनिट बिजली बनाएगा। कर्तव्य भवन को 30 प्रतिशत कम ऊर्जा खपत के लिए तैयार किया गया है। ऊर्जा बचाने वाली LED लाइटें, जरूरत न होने पर लाइटें बंद करने वाले सेंसर और बिजली बचाने वाली स्मार्ट लिफ्ट लगाई गई हैं। गंदे पानी को साफ कर दोबारा इस्तेमाल किया जाएगा।

मंत्रालय

कर्तव्य भवन-3 में कौन-कौन से मंत्रालय होंगे? 

कर्तव्य भवन-3 में गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय, कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय/विभाग और प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार (PSA) के कार्यालय होंगे। इंटेलीजेंस ब्यूरो का कार्यालय भी यहीं होगा। कुछ मंत्रालय आज से ही इसमें शिफ्ट हो जाएंगे। ये मंत्रालय शास्त्री भवन, कृषि भवन, निर्माण भवन और उद्योग भवन से शिफ्ट होंगे। ये सभी इमारतें 1950 से 1970 के दशक में बनी थीं।

ट्विटर पोस्ट

ऐसी है ईमारत

भवन

CSS के तहत बनाए जाने हैं 10 भवन 

सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत CSS की 10 नई इमारतें बन रही हैं। इनमें से पहली इमारत का उद्घाटन आज हो चुका है और 2 इमारत अगले महीने तक तैयार होने की उम्मीद है। इसके बाद बची हुई 7 इमारतों को 24 महीने के भीतर बनाया जाना है। सेंट्रल विस्टा परियोजना का काम दिसंबर, 2031 तक पूरा किया जाना है। इसमें ही प्रधानमंत्री के लिए नए आवास और कार्यालय भी बनाए जा रहे है।

नॉर्थ-साउथ ब्लॉक

नॉर्थ और साउथ ब्लॉक का क्या होगा?

कर्तव्य भवनों के तैयार होते ही नार्थ और साउथ ब्लॉक में मौजूद सभी मंत्रालयों को वहां से स्थानांतरित कर दिया जाएगा। इसके बाद दोनों ही ब्लॉक में 'युगे-युगीन भारत' संग्रहालय बनाया जाएगा। इसमें ढांचे के साथ किसी तरह का छेड़छाड़ किए बगैर महाभारत काल से लेकर देश के आज तक के इतिहास, कला व संस्कृति को प्रदर्शित किया जाएगा। बता दें कि फिलहाल नॉर्थ और साउथ ब्लॉक में कई अहम मंत्रालय हैं।