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जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़, एक जवान शहीद
उधमपुर में मुठभेड़ में एक जवान शहीद हो गया है (प्रतीकात्मक तस्वीर)

जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़, एक जवान शहीद

लेखन आबिद खान
Sep 20, 2025
11:18 am

क्या है खबर?

जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई है। इसमें सेना का एक जवान शहीद हो गया है। बताया जा रहा है कि यहां 3 से 4 आतंकवादियों को सुरक्षाबलों ने घेर लिया है, जो जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के बताए जा रहे हैं। पहले खबर थी कि किश्तवाड़ में भी एक मुठभेड़ हुई है, लेकिन सुरक्षाबलों ने जानकारी दी कि केवल उधमपुर में ही आतंकियों से संपर्क हुआ है।

रिपोर्ट

कहां हुई मुठभेड़?

रिपोर्ट के मुताबिक, ये मुठभेड़ उधमपुर के दूदू-बसंतगढ़ और डोडा के भद्रवाह में सोजधार के जंगलों में कल शाम शुरू हुई थी। तब सेना के जवान तलाशी अभियान में जुटे थे, तभी छिपे हुए आतंकियों ने उन पर गोलीबारी कर दी। इसमें एक जवान घायल हो गया था, जिसने इलाज के दौरान आज सुबह दम तोड़ दिया। रात में ऑपरेशन रोक दिया गया था और आज सुबह से फिर शुरू किया गया है।

बयान

मुठभेड़ के बारे में सेना ने क्या बताया?

सेना की व्हाइट नाइट कॉर्प्स ने कल सोशल मीडिया पर बताया, 'किश्तवाड़ में खुफिया जानकारी पर आधारित ऑपरेशन में सतर्क सैनिकों ने 19 सितंबर की रात लगभग 8 बजे आतंकवादियों से संपर्क स्थापित किया। गोलीबारी हुई। ऑपरेशन अभी जारी है।' हालांकि, सेना ने आज सुबह बताया कि अभियान डोडा-उधमपुर सीमा है पर चल रहा है। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कहा, "खुफिया जानकारी के आधार पर आतंकवादियों से संपर्क स्थापित हो गया है। SOG-JKP और सेना की संयुक्त टीमें मौजूद हैं।"

मुठभेड़

8 सितंबर को शहीद हुए थे 2 जवान

इससे पहले 8 सितंबर को कुलगाम में मुठभेड़ में 2 जवान शहीद हुए थे। इनमें लांसनायक नरेंद्र सिंधु और पैरा कमांडो प्रभात गौड़ का नाम शामिल था। इस मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा के 2 आतंकी भी मारे गए थे, जिनके नाम आमिर अहमद डार और रहमान भाई थे। आमिर शोपियां का रहने वाला था और पहलगाम हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने जिन 14 स्थानीय आतंकवादियों की सूची जारी की थी, उसमें आमिर का भी नाम था।

रणनीति

आतंकियों ने बदली रणनीति

हाल ही में एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि आतंकियों ने अब हमले के लिए रणनीति बदल ली है। अब आतंकी घरों में छिपने के बजाय घने जंगलों और ऊंची चोटियों में जमीन के अंदर बंकर बनाकर छिप रहे हैं। कहा जा रहा है कि आतंकियों को मिलने वाला स्थानीय समर्थन अब कम हो गया है, जिसके चलते उन्होंने रणनीति बदली है। सुरक्षाबलों को हाल ही में कई ऐसे बंकर मिले हैं।