वायनाड भूस्खलन पीड़ितों को लेकर केरल हाईकोर्ट ने केंद्र को लगाई फटकार, कहा- दान नहीं चाहिए
क्या है खबर?
केरल हाई कोर्ट ने वायनाड भूस्खलन के पीड़ितों के ऋण माफ करने से इनकार करने पर केंद्र सरकार को फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा कि केंद्र ने केरल के लोगों को निराश किया है और राज्य को केंद्र के दान की जरूरत नहीं है। दरअसल, केंद्र ने कहा था कि आपदा प्रभावित व्यक्तियों का कर्ज माफ करने का कोई कानूनी प्रावधान नहीं है। इस पर कोर्ट ने केंद्र को संविधान पढ़ने की सलाह दे दी।
मामला
क्या है मामला?
2024 में वायनाड में भूस्खलन से जान-माल का भारी नुकसान हुआ था। प्रभावित लोगों में से कई ने बैंक से कर्ज लिया था, जो अब चुकाने की स्थिति में नहीं है। इसी संबंध में हाई कोर्ट सुनवाई कर रहा था। कर्ज माफी को लेकर केंद्र ने अपने हलफनामे में कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक स्वतंत्र निकाय हैं और वित्त मंत्रालय केवल नीतिगत दिशानिर्देश जारी कर सकता है, बैंकों के आंतरिक कामकाज में हस्तक्षेप नहीं कर सकता।
बयान
कोर्ट ने कहा- अगर मदद नहीं करना चाहते, तो साफ-साफ कहें
कोर्ट ने केंद्र के जवाब को 'परेशान करने वाला' बताया। कोर्ट ने पूछा, "आप किसे बेवकूफ बनाने की कोशिश कर रहे हैं? संविधान में ऐसी शक्तियां दी गई हैं। असली सवाल यह है कि क्या आपके पास कार्रवाई करने की इच्छाशक्ति है। जब गुजरात और राजस्थान को मदद दी गई, तो वायनाड को उसी तरह की मदद से वंचित क्यों रखा गया? अगर मदद नहीं करना चाहते, तो खुलकर बताइए।"