लोकसभा में पारित हुआ डिजिटल व्यक्तिगत डाटा संरक्षण विधेयक, 2023
लोकसभा में डिजिटल व्यक्तिगत डाटा संरक्षण विधेयक, 2023 ध्वनिमत से पारित हो गया है। केंद्रीय सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 3 अगस्त को इस विधेयक को लोकसभा में पेश किया था, जिसके बाद विपक्ष ने इसे संसदीय समिति के पास भेजने की मांग की थी। गौरतलब है कि केंद्र सरकार 2019 में भी डाटा सुरक्षा से जुड़ा विधेयक लेकर आई थी, लेकिन विपक्ष की आपत्तियों और समिति के सुझावों के बाद इसे वापस ले लिया गया था।
विधेयक में कंपनियों पर भारी जुर्माने का प्रावधान
डिजिटल व्यक्तिगत डाटा संरक्षण विधेयक में डाटा और डिजिटल निजता को लेकर कंपनियों के लिए कड़े प्रावधान किए गए हैं। विधेयक के मुताबिक, नियमों के उल्लंघन पर कंपनियों पर 250 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। अगर कोई सोशल मीडिया यूजर अपना अकाउंट डिलीट करता है तो कंपनियों को भी उसका डाटा हटाना होगा। यूजर को अपने निजी डाटा में सुधार करने या उसे मिटाने का अधिकार मिलेगा। कंपनी हमेशा के लिए डाटा नहीं रख सकती।
विधेयक में बच्चों को लेकर भी हैं कई नियम
विधेयक में बच्चों के डिजिटल डाटा और निजता को लेकर भी खास प्रावधान किए गए हैं और 'नियमों का एक समूह' बनाया गया है। कंपनियां बच्चों को नुकसान पहुंचाने वाले किसी भी डाटा को संरक्षित नहीं कर सकेंगी। कंपनी अगर बच्चों से जुड़ा डाटा एकत्र कर रही है तो इसके लिए उसे माता-पिता से अनुमति लेना जरूरी होगा। कंपनियां बच्चों के डाटा का इस्तेमाल उन्हें लक्षित विज्ञापन दिखाने में नहीं कर सकेंगी।
केंद्र सरकार बनाएगी डाटा सुरक्षा बोर्ड
विधेयक के मुताबिक, केंद्र सरकार कानून पालन कराने के लिए भारतीय डाटा सुरक्षा बोर्ड बनाएगी। इसका काम उपभोक्ताओं की शिकायतें सुनने और उन्हें हल करने का भी होगा। विधेयक में बायोमेट्रिक डाटा के मालिक को उसके डाटा का पूरा अधिकार मिलेगा। अगर किसी कंपनी को अपने कर्मचारी की हाजिरी के लिए बायोमेट्रिक डाटा की जरूरत है तो भी उसे कर्मचारी की अनुमति लेनी होगी। यूजर डाटा से जुड़ी सहमति कभी भी वापस ले सकेंगे।
विपक्ष ने किया था विधेयक का कड़ा विरोध
कांग्रेस के सांसद अधीर रंजन चौधरी ने विधेयक का विरोध करते हुए कहा था कि भाजपा शासित केंद्र सरकार सूचना का अधिकार (RTI) अधिनियम और निजता के अधिकार को कुचलने जा रही है। उन्होंने कहा था कि विधेयक को स्थायी समिति के पास भेजा जाना चाहिए। चौधरी के अलावा AIMIM प्रमुख और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी और तृणमूल कांग्रेस (TMC) के सांसद सौगत रॉय ने भी डिजिटल व्यक्तिगत डाटा संरक्षण विधेयक का लोकसभा में कड़ा विरोध किया था।