LOADING...
फरीदाबाद में अल-फलाह विश्वविद्यालय की वेबसाइट जनता के लिए बंद, एक दिन पहले हुई थी हैक
अल-फलाह विश्वविद्यालय की वेबसाइट बंद

फरीदाबाद में अल-फलाह विश्वविद्यालय की वेबसाइट जनता के लिए बंद, एक दिन पहले हुई थी हैक

लेखन गजेंद्र
Nov 13, 2025
11:41 am

क्या है खबर?

दिल्ली में लाल किले के पास धमाकों के बाद चर्चा में आई हरियाणा की अल-फलाह विश्वविद्यालय की वेबसाइट (www.alfalahuniversity.edu.in) जनता के लिए बंद हो गई है। विश्वविद्यालय की वेबसाइट सार्वजनिक तौर पर उपयोगकर्ताओं के लिए नहीं है। यह वेबसाइट पासवर्ड मांग रही है। बताया जा रहा है कि वेबसाइट में कुछ काम चल रहा है, जिससे यह कुछ दिन बंद रहेगी। हालांकि, इसे जानकारी छिपाने और हैकरों से बचाने का तरीका भी बताया जा रहा है।

हैक

एक दिन पहले हैक हुई थी वेबसाइट

आधिकारिक वेबसाइट को 'इंडियन साइबर अलायंस' नाम के एक समूह ने हैक किया था। वेबसाइट हैक कर हैकरों ने लिखा था, "ऐसे कट्टरपंथी इस्लामी विश्वविद्यालयों को भारत में अनुमति नहीं है। यदि आप भारत में रहना चाहते हैं...तो दूसरों की तरह शांतिपूर्वक रहें और अगर कट्टरपंथी इस्लामिक जिहाद चाहते हैं...तो भारत छोड़ दें और पाकिस्तान जाएं। इसे चेतावनी के रूप में लें...हम आपकी राष्ट्रविरोधी गतिविधियों पर नजर रखे हैं। भारत विरोधी गतिविधियां बंद करो...वरना तुम्हें बर्बाद करेंगे।"

विश्वविद्यालय

अल-फलाह विश्वविद्यालय का दिल्ली विस्फोट कनेक्शन?

दिल्ली विस्फोट में अल-फलाह विश्वविद्यालय के तार जुड़ रहे हैं क्योंकि विस्फोट से पहले यहां के डॉक्टर मुजम्मिल शकील और डॉक्टर शाहीन शाहिद साजिश के तहत गिरफ्तार हुए थे। मुजम्मिल के धौज स्थित मकान से 360 किलो अमोनियम नाइट्रेट, जबकि शाहीन की कार में AK-47 और विस्फोटक था। दोनों गिरफ्तारी के बाद लाल किले के पास धमाका हुआ, जिसमें अल-फलाह का डॉक्टर उमर नबी मारा गया है। धमाके के बाद से विश्वविद्यालय का एक और कश्मीरी डॉक्टर निसार-उल-हसन लापता है।

बयान

विश्वविद्यालय ने जारी किया था बयान

अल-फलाह की कुलपति प्रोफेसर कौर दिल्ली विस्फोट मामले और उनके कॉलेज के 2 डॉक्टरों मुजम्मिल शकील और शाहीना शाहिद की गिरफ्तारी पर बयान जारी कर चुकी हैं। उन्होंने दोनों डॉक्टरों का विश्वविद्यालय से कोई संबंध नहीं बताया और कहा कि वे केवल विश्वविद्यालय में आधिकारिक क्षमता में काम कर रहे हैं। उन्होंने विश्वविद्यालय की साख को धूमिल करने के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म को निशाने पर लिया। विश्वविद्यालय प्रबंधन ने जांच एजेंसियों का पूरा सहयोग करने की बात कही है।