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दिल्ली कार धमाका: महिला डॉक्टर शाहीन को मिली थी 'आंतकी डॉक्टरों' की टीम बनाने की जिम्मेदारी
दिल्ली कार धमाके की जांच में महिला डॉक्टर शाहीन सईद को लेकर नए खुलासे हुए हैं

दिल्ली कार धमाका: महिला डॉक्टर शाहीन को मिली थी 'आंतकी डॉक्टरों' की टीम बनाने की जिम्मेदारी

लेखन आबिद खान
Nov 21, 2025
02:18 pm

क्या है खबर?

दिल्ली में लाल किले के पास हुए कार धमाके में एक महिला डॉक्टर शाहीन सईद को भी एजेंसियों ने गिरफ्तार किया है। फिलहाल वो राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की हिरासत में है। जानकारी सामने आई है कि लखनऊ की रहने वाली शाहीन को आतंकी डॉक्टरों की टीम बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। उसने 5-5 डॉक्टरों की कुछ टीमे भी बनाई थीं और हर टीम का एक लीडर नियुक्त कर रखा था।

रिपोर्ट

केवल टीम लीडर से ही बात करती थी शाहीन

NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, शाहीन पकड़ में आने से बचने के लिए केवल टीम लीडर से ही बात करती थी। रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से दावा किया गया है कि यह तरीका टीम की गोपनीयता बनाए रखने और किसी सदस्य के पकड़े जाने की स्थिति में दूसरी टीमों की पूछताछ से बचने के लिए थी। जांच एजेंसियां ​​अब यह पता लगाने में जुटी हैं कि शाहीन ने कितनी टीमें बनाईं और कितने लोगों को भर्ती किया था।

जैश

भारत में जैश की महिला विंग बना रही थी शाहीन

रिपोर्ट में कहा गया है कि शाहीन को भारत में पाकिस्तानी आतंकी समूह जैश-ए-मोहम्मद (JeM) की महिला विंग जमात उल-मोमिनात बनाने का भी काम सौंपा गया था। इस विंग का कामकाज पाकिस्तान में JeM के संस्थापक मसूद अजहर की बहन सादिया अजहर संभालती है। इसके अलावा शाहीन समूह की आर्थिक गतिविधियों को भी देखती थी। कथित तौर पर वो आतंकी गतिविधियों के लिए पैसे जुटाने की भी जिम्मेदारी संभाल रही थी।

नाम

मंसूबे में कामयाब नहीं हुई थी शाहीन

आतंकी मॉड्यूल में शामिल लोग शाहीन को 'मैडम सर्जन' के नाम से पुकारते थे। शाहीन महिला आतंकियों की एक टीम बनाना चाहती थी। इसके लिए उसने कुछ लड़कियों की सूची भी बनाई थी, जिनकी जानकारी उसकी डायरी में भी है। दैनिक भास्कर के मुताबिक, शाहीन लड़कियों की टीम बनाने में सफल नहीं हो पाई। इसके बाद उसने ये जिम्मेदारी डॉक्टर मुजम्मिल को सौंप दी। किसे कितने पैसों की मदद करनी है, ये फैसला भी शाहीन ही लेती थी।

अन्य खुलासे

शाहीन को लेकर ये खुलासे भी हुए

जांचकर्ताओं का मानना है कि समूह ने 35-40 लाख रुपये इकट्ठा किए थे, जिनमें से ज्यादातर कथित तौर पर शाहीन के नेटवर्क के माध्यम से जुटाए गए थे। जांच में सामने आया कि शाहीन का संपर्क कई संदिग्ध नेटवर्क से था, जिनका संबंध पाकिस्तान में बैठे आतंकियों से है। वो मुजम्मिल और अन्य लोगों के साथ मेडिकल कल्याण और NGO चैनलों के जरिए बातचीत करती थी। हीन की कार से AK-47 राइफल, जिंदा कारतूस और अन्य सामग्री मिली थी।