दिल्ली में प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, पंजाब-हरियाणा से मांगे पराली जलाने से जुड़े आंकड़े
क्या है खबर?
दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा और पंजाब सरकारों से पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए उठाए गए कदमों का डेटा मांगा है। दोनों राज्यों को एक हफ्ते के भीतर यह जानकारी सौंपने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्य न्यायाधीश (CJI) बीआर गवई और जस्टिस के विनोद चंद्रन की पीठ एमसी मेहता मामले में पर्यावरण संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी।
आदेश
GRAP का चौथा चरण लागू करने की मांग
सुनवाई के दौरान कोर्ट में वायु निगरानी स्टेशनों के आंकड़ों पर भी सवाल उठे। एक आवेदक की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन ने कोर्ट को बताया कि दिल्ली के कुछ क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 450 के पार पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने GRAP का तीसरा चरण तो लागू कर दिया है, लेकिन स्थिति को देखते हुए GRAP का चौथा चरण लागू किया जाए।
आंकड़े
याचिकाकर्ता ने कहा- वायु निगरानी स्टेशनों के आंकड़ों पर भरोसा नहीं
सुनवाई के दौरान एक याचिकाकर्ता ने कहा कि वायु निगरानी स्टेशनों के आंकड़ों पर भरोसा नहीं है। उन्होंने कहा, "वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशनों का डेटा या तो अपलोड नहीं किया जा रहा है या गलत डेटा अपलोड किया जा रहा है। हमने CAQM और CPCB से जवाब देने का अनुरोध किया है।" इस पर CPCB की ओर से पेश हुई ASG ऐश्वर्या भाटी ने कहा, "हमने स्थिति रिपोर्ट दाखिल कर दी है, अधिकारी भी मौजूद हैं, वे सब समझा देंगे।"
सैटेलाइट
वकील ने सैटेलाइट संबंधी रिपोर्टों का भी दिया हवाला
वरिष्ठ अधिवक्ता अपराजिता सिंह ने कहा, "नासा के एक वैज्ञानिक हैं। उनका कहना है कि उपग्रह के गुजर जाने के बाद ही फसल जलाई जाती है। उन्होंने यूरोपीय और कोरियाई उपग्रहों का विश्लेषण किया है। एक किसान ने इंटरव्यू में बताया था कि उन्हें खास समय पर ही पराली जलाने को बताया गया है। अगर नासा के वैज्ञानिक सही हैं, तो पराली जलाए जाने पर इकट्ठा किए गए आंकड़े शायद प्रमाणिक नहीं हैं। अगर यह सच है, तो चिंताजनक है।"
प्रदूषण
दिल्ली में GRAP की तीसरा चरण लागू
दिल्ली के कई इलाकों में AQI 400 से भी ज्यादा हो गया है, जो गंभीर श्रेणी में आता है। इसके बाद GRAP का तीसरा चरण लागू कर दिया गया है। दिल्ली सरकार के कार्यालय सुबह 10 से शाम 6:30 बजे तक खुलेंगे। गैर जरूरी निर्माण कार्य, ध्वस्तीकरण और पुराने डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिया है। स्कूलों में भी छोटी कक्षाओं की क्लासेस कुछ दिन तक हाइब्रिड मोड में चलेंगी।