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कोल्ड्रिफ कफ सिरप को लेकर क्या है विवाद, इससे क्यों हो रही है बच्चों की मौत?
कफ सिरप से मध्य प्रदेश में 11 बच्चों की मौत हो गई है (प्रतीकात्मक तस्वीर)

कोल्ड्रिफ कफ सिरप को लेकर क्या है विवाद, इससे क्यों हो रही है बच्चों की मौत?

लेखन आबिद खान
Oct 05, 2025
05:40 pm

क्या है खबर?

सर्दी-जुकाम के इलाज में इस्तेमाल होने वाले कोल्ड्रिफ सिरप को लेकर देश में हाहाकार मचा है। मध्य प्रदेश में इसे पीने के बाद कम से कम 16 बच्चों की मौत हो गई है। इसके बाद तमिलनाडु, केरल समेत कई राज्यों ने सिरप की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है और सरकार भी इसे बनाने वाली कंपनी पर कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है। आइए पूरा विवाद समझते हैं।

सिरप

क्या है कोल्ड्रिफ कफ सिरप?

कोल्ड्रिफ एक सर्दी-जुकाम के इलाज में दिया जाने वाला कफ सिरप है। इसे तमिलनाडु के कांचीपुरम स्थित श्री सन फार्मास्युटिकल्स द्वारा बनाया जाता है। ये सिरप सबसे पहले मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में बच्चों की मौत होने के बाद चर्चा में आया था। संदिग्ध सभी बच्चों को सर्दी-जुकाम की शिकायत के बाद ये सिरप दिया गया था, जिसके बाद बच्चों की किेडनी फेल हो गई और उनकी मौत हो गई।

वजह

सिरप में कौनसा जहरीला पदार्थ पाया गया है?

तमिलनाडु के औषधि विभाग की जांच में सामने आया है कि इस सिरप में 48.6 प्रतिशत डाईथाइलीन ग्लॉयकाल केमिकल मिला हुआ है। यह एक जहरीला केमिकल है, जिसे ब्रेक लिक्विड, स्याही, कलर आदि बनाने में इस्तेमाल किया जाता है। जानकारों के मुताबिक, इसे मामूली मात्रा में सिरप में मिलाया जाता है, ताकि ये पतला और मीठा हो जाए। शरीर में जाते ही ये केमिकल जहर की तरह काम करने लगता है और दिल, दिमाग और किडनी पर असर डालता है।

कार्रवाई

मौतों के बाद राज्यों ने क्या कदम उठाए हैं?

देश के 3 राज्यों- मध्य प्रदेश, केरल और तमिलनाडु ने सिरप की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है। तेलंगाना के औषधि नियंत्रण प्रशासन ने भी कोल्ड्रिफ सिरप को लेकर सार्वजनिक अलर्ट जारी किया है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सिरप पीने से मरने वाले बच्चों के परिवारों को 4-4 लाख रुपये की मदद देने की घोषणा की है। राजस्थान में भी इसी तरह की एक दवा से 3 बच्चों की मौत होने की जानकारी सामने आई है।

सरकार

केंद्र सरकार ने मामले पर क्या कहा है?

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 3 अक्टूबर को कहा कि 2 साल से कम उम्र के बच्चों को कफ सिरप न दी जाएं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि आमतौर पर 5 साल से कम उम्र के बच्चों को कफ सिरप नहीं दिया जाना चाहिए। इससे बड़े बच्चों को अगर सिरप दिया जा रहा है, तो उसे कड़ी निगरानी में रखा जाए और ​​उचित खुराक दी जाए। मंत्रालय ने डॉक्टरों और मेडिकल संचालकों के लिए भी दिशानिर्देश जारी किए हैं।

अगला कदम

सरकार और क्या कार्रवाई कर सकती है?

केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने 19 दवाओं के सैंपल लिए हैं और 6 राज्यों में दवा निर्माण इकाइयों का निरीक्षण शुरू किया है। कथित तौर पर ये इकाइयां हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में हैं। CDSCO दवा कंपनी के खिलाफ सख्त कदम उठाने के लिए तमिलनाडु फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) को पत्र भी लिखने जा रहा है। राज्यों ने अपने स्तर पर भी कार्रवाई की बात कही है।

मौत

बच्चों की मौतों के बारे में क्या-क्या पता है?

मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा के परासिया इलाके में इस सिरप से 16 बच्चों की मौत हुई है। हालांकि, आधिकारिक आंकड़ा 11 ही है। मध्य प्रदेश के ही बैतूल में भी 2 बच्चों की मौत हुई है। छिंदवाड़ा में पहला संदिग्ध मामला 22 अगस्त को सामने आया, जबकि पहली मौत 4 सितंबर को हुई थी। बच्चों को ये सिरप देने के बाद पेशाब करने में परेशानी होने लगी और किडनी फेल हो गई।