
CJI गवई पर जूता फेंकने वाले आरोपी वकील के खिलाफ चलेगा अवमानना का मुकदमा, मंजूरी मिली
क्या है खबर?
भारत के मुख्य न्यायधीश (CJI) बीआर गवई पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के दौरान जूता फेंकने की कोशिश करने वाले आरोपी वकील राकेश किशोर के खिलाफ अवमानना का मुकदमा चलेगा। अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणि ने आरोपी वकील के खिलाफ आपराधिक अवमानना कार्यवाही शुरू करने की अनुमति दे दी है। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह और भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने संयुक्त रूप से मामले को सूचीबद्ध करने की मांग की है।
सुनवाई
सॉलिसिटर जनरल ने कहा- संवैधानिक निष्ठा सवालों के घेरे में है
अधिवक्ता सिंह ने दूसरे वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष अटॉर्नी जनरल से मिली अनुमति की जानकारी दी और सॉलिसिटर जनरल ने इसकी पुष्टि की। लाइव लॉ के मुताबिक, सिंह ने कहा कि उन्होंने अटॉर्नी जरनल की सहमति ले ली है और कल सुनवाई की मांग कर रहे हैं। मेहता ने कोर्ट से अनुरोध किया कि अनुमति के बाद अवमानना का मामला शुरू होना चाहिए, संवैधानिक निष्ठा सवालों के घेरे में है।
अनुरोध
दिवाली के बाद मामला सूचीबद्ध होगा
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने पूछा कि क्या मुद्दे को उठाना चाहिए, जबकि CJI ने घटना को अनदेखा कर दिया है। इस पर वकील सिंह ने कहा, "जिस तरह से मामले को सोशल मीडिया तूल दे रहा है, उससे संस्था को कुछ नुकसान हो रहा है।" मेहता ने कहा कि CJI ने महानता का संकेत दिया, लेकिन घटना को सोशल मीडिया पर सही ठहराना चिंता का विषय है। मामला दिवाली की छुट्टी के बाद सूचीबद्ध होगा।
घटना
क्या है मामला?
सोमवार 6 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में एक सुनवाई के दौरान वकील राकेश किशोर ने अचानक अपना जूता निकाल लिया और उसे CJI गवई की तरफ फेंकने का प्रयास किया। हालांकि, उसे मौके पर तैनात सुरक्षाकर्मियों और कर्मचारियों ने पकड़ लिया। घटना के बाद CJI ने उस पर कोई कार्रवाई करने से मना कर दिया। आरोपी वकील ने मीडिया में अपने किए पर कोई खेद नहीं जताया। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने उसे निष्कासित कर दिया है।